व्यापम महाघोटाले में हुई मनीलांड्रिंग पर ईडी खामोश क्यों रही: के.के. मिश्रा

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज जारी अपने बयान में कहा है कि प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद हुई सीबीआई जांचोपरांत विभिन्न न्यायालयों द्वारा दोषी परीक्षार्थियों को सीबीआई द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र को आधार मानकर सजाई जा सुना रही है। जिसका मुख्य आधार आरोप पत्र में उल्लेखित गड़बड़ी और बिचौलियों के माध्यम से हुए लेनदेन को भी शामिल किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर इस बात प्रमाण है कि लगभग 90 अरब रूपयों के इस महाघोटाले में करोड़ों रूपयों की बेनामी मनीलांड्रिंग हुई हैं।


केके मिश्रा ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों के फैसलों और आरोपितों को हो रही सजा के बाद अब यह बात सामने आना स्वाभाविक है कि उक्त बेनामी मनीलांड्रिंग की करोड़ों रूपयों की राशि कहां है? वह किन-किन बिचौलियों के माध्यम से किन-किन प्रभावी लोगों तक पहुंची है? इन स्थितियों में यह भी स्पष्ट हो चुका है कि इस महाघोटाले में यदि मनीलांड्रिंग हुई है तो अब तक ईडी खामोश क्यों रही। किसके दबाव में किन लोगों को बचाना चाह रही है? यह ईडी की कार्यशैली और प्रतिष्ठा पर एक बड़ा सवालिया निशान है। लिहाजा, यह स्पष्ट होना चाहिए कि ईडी और सीबीआई जैसी भ्रष्टाचार व अन्य अपराधों को नियंत्रित करने वाली इकाईयां अपने संवैधानिक दायित्वों से इतर किनके हितों को संरक्षित कर रही है?