पहले शिव फिर राम और अब देवी माँ की शरण में राहुल गांधी, BJP परेशान

भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले लंबे समय से देवी-देवताओं की शरण में जा रहे हैं। राम भक्त, शिव भक्त के बाद आज राहुल गांधी का देवी भक्त अवतार भी सामने आ गया है। एमपी के दतिया में राहुल गांधी ने मां पीतांबरा की पूजा की, इससे पहले राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर चुके हैं। इसके बाद फिर चित्रकूट में राहुल गांधी ने भगवान राम की आराधना की और अब नवरात्र के दिनों में राहुल गांधी मां शक्ति की आराधना कर रहे हैं।

एमपी के दतिया में राहुल गांधी ने हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर दुर्गासप्तशती के मंत्रोच्चारण के बीच एमपी के दतिया में राहुल गांधी ने मां पीतांबरा की पूजा-अर्चना की। ये शक्ति की वो आराधना है जो राजसत्ता दिलाती रही है, इंदिरा गांधी से लेकर पंडित कमलापति त्रिपाठी जैसे दिग्गज नेता यहां की भक्ति से सत्ता की शक्ति अर्जित करते रहे हैं।

राहुल गांधी ने एमपी में 15 साल के वनवास को समाप्त करने के लिए मां पीतांबरा से आर्शीवाद मांगा हैं। दतिया के इस मंदिर को तंत्र-मंत्र साधना के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि मां पीताम्बरा के अनुष्ठान से कामयाबी जरूर मिलती है। 1962 में चीन युद्ध के दौरान जब मित्र देश रूस और मिस्र ने भी मदद से इनकार कर दिया तब तत्कालीन पीएम नेहरू ने देश की रक्षा के लिए मां पीतांबरा मंदिर में 51 कुंड का महायज्ञ कराया और कहा जाता है कि यज्ञ के बाद चीन ने अपनी सेनाएं वापस बुला ली। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने मां पीताम्बरा के अनुष्ठान के जरिए एमपी की सत्ता में वापसी और फिर 2019 की जंग में मोदी को मात देने का आर्शीवाद मांगा है।

इससे पहले राहुल गांधी ने एमपी में 27 सितंबर से संकल्प यात्रा की शुरुआत चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर और रामदरबार में पूजा पाठ से की थी, चित्रकूट धाम के कामतानाथ मंदिर में पहुंचकर उन्होंने कामतानाथ और राम दरबार की पूजा अर्चना की थी. मंत्रोच्चार के साथ राहुल ने पूजा की, भगवान को पुष्प चढ़ाया, प्रसाद चढ़ाया और दान भी दिया। इस मंदिर में पूजा कराने वाले पंडित के मुताबिक़ यहां भगवान का दर्शन करने और पूजा पाठ करने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और चुनावी संकल्प यात्रा के पहले राहुल ने यहां पूजा के बाद गुप्तदान किया।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना हुए थे और 10 दिनों बाद 10 सितंबर को वो कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौटे थे, 10 सितंबर को ही कांग्रेस ने देशव्यापी भारत बंद का आयोजन किया था। इस बंद में शामिल होने से पहले राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर से लाया जल और पत्थर नई दिल्ली स्थित महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर चढ़ाए।

राहुल गांधी के भगवान की शरण में जाने से भाजपा परेशान है, जो राहुल गांधी पर लगातार जुबानी हमले कर रही है।