चुनावी मौसम में पेट्रोल-डीज़ल के दाम घटाने की तैयारी, कांग्रेस की माँग, हमारे कार्यकाल जितनी हो टैक्स की दर

15 मार्च तक हो सकता है टैक्स घटाने का फैसला, कांग्रेस ने कहा, मोदी राज में जितना टैक्स बढ़ाया गया, सब कम किया जाए

दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में नुकसान से बचने के लिए मोदी सरकार आने वाले कुछ दिनों के भीतर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटा सकती है। खबर है कि इसी 15 मार्च तक ऐसा किया जा सकता है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार अगर वाकई लोगों पर बोझ घटाना चाहती है, तो पेट्रोल-डीज़ल पर मोदी राज में जितना टैक्स बढ़ाया गया है, वो सब कम करना चाहिए। कांग्रेस ने मोदी सरकार को चुनौती भी दी है कि वो टैक्स को वापस उतना ही कर दे, जितना मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में होता था। 

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार को चुनौती देते हुए लिखा है, “पांच राज्यों में चुनाव देखकर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल पर जो टैक्स कम करने की बात कर रही है, उसे खुद के द्वारा बढ़ाए सारे टैक्स कम करके 2014-कांग्रेस के स्तर पर लाने चाहिए। पेट्रोल व डीजल में 23.87 रु व 28.37 रु/ लीटर एक्साइज ड्यूटी कम होनी चाहिए, जो मोदी सरकार ने बढ़ाई है।”

सुरजेवाला ने मोदी सरकार से कहा है कि वो रसोई गैस के दामों को भी घटाकर उस स्तर पर लाए, जो यूपीए के कार्यकाल में था। उन्होंने इस बारे में भी ट्विटर पर लिखा है, “सब्सिडी वाली रसोई गैस को भी कम करके कांग्रेस के स्तर पर लाना चाहिए। 2012-13 व 2013-14 में एलपीजी का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य 885.2 व 880.5 डॉलर था, लेकिन यूपीए सरकार महंगे भाव से LPG खरीदकर आम जनता को भारी सब्सिडी देकर 399- 414 रु प्रति सिलिंडर में देती थी, जो आज 819 रु है।”  

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बढ़ती महंगाई की वजह से आम जनता के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में मांग की गई है कि बीजेपी के राज में जिस तरह रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी बंद की गई है, उससे मोदी सरकार का गरीब और मध्यम वर्ग विरोधी चेहरा सामने आया है। कांग्रेस ने   रसोई गैस-CNG-PNG-पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को मोदी सरकार के अहंकार का जीता-जागता प्रमाण बताया है।

खबरों की मानें तो वित्त मंत्रालय पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की प्लानिंग कर रहा है। माना जा रहा है कि 15 मार्च तक इनदोनों पर एक्साइज ड्यूटी घटाने पर कोई फैसला आ सकता है। दरअसल देश भर में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार महंगाई के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम कांग्रेस के कार्यकाल के मुकाबले आधे ही हैं। फिर भी मोदी सरकार द्वारा भारी-भरकम टैक्स लादे जाने की वजह से कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपए के पार बिक रहा है।  

वित्त मंत्रालय की तरफ से राज्यों पर वैट घटाने के लिए तैयार करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय समेत कई राज्यों ने हाल ही में पेट्रोल,डीजल पर टैक्स कम कर दिया है। लेकिन मोदी सरकार जब तक खुद टैक्स नहीं घटाती पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम होने मुश्किल हैं। अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 के बीच पेट्रोलियम उत्पादों से मोदी सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। जबकि इस दौरान देश में लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल, डीजल की बिक्री कम रही है। मार्च-अप्रैल में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से अब यह उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार लोगों का बोझ घटाने के लिए भले ही टैक्स कम न करे, लेकिन चुनाव में वोट बटोरने के लिए तो ऐसा ज़रूर कर सकती है।