खेतों में लावारिस पड़ी जहरीली शराब पीने से 21 के बाद 3 और माैतें हुईं

  • अब तक 24 माैतें, 22 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती
  • जिन 3 लाेगाें की गुरुवार को माैत हुई, वे छैरा गांव के ही रहने वाले

जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। गुरुवार को तीन और लोगों ने दम ताेड़ दिया। चार दिन में जहरीली शराब पीकर मरने वालाें संख्या 24 पर पहुंच गई है। जिन लाेगाें ने गुरुवार की सुबह दम ताेड़ा है, वे बुधवार की शाम काे खेताें में लावारिस पड़ी जहरीली शराब काे पी लिया।

रात में ही उनकी तबीयत बिगड़ी और सुबह मुरैना जिला अस्पताल में दम ताेड़ दिया। बड़ा सवाल यह है कि तीन दिन से माैताें का सिलसिला चल रहा है लेकिन पुलिस और प्रशासन ने खेत, खलिहान और तालाबाें में छिपाकर रखी गई शराब को नहीं ढूंढा। यही वजह है कि तीन और ग्रामीणों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई।

इधर, पुलिस ने गुरुवार को दबिश देकर तालाब से भारी मात्रा में अवैध शराब और ओपी जब्त की। मालूम हो कि 22 लोग अभी भी मुरैना और ग्वालियर के अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें आठ मुरैना जिला अस्पताल और 14 ग्वालियर के जेएएच में भर्ती हैं।

जानकारी के अनुसार छैरा निवासी रमेश (45) पुत्र चिलाई बाल्मीकि बुधवार की शाम को गांव के नजदीक खेत में गया था। इसी दौरान यहां इसे देशी शराब पड़ी मिली, जिसे संभवत: शराब माफिया ने छिपा दिया था। रमेश मुफ्त में मिली इस जहरीली शराब को लेकर घर आ गया, जहां जैतपुर वाह उत्तरप्रदेश में रहने वाला उसका रिश्तेदार कैलाश (60) पुत्र रामसहाय वाल्मीकि भी आया हुआ था। दोनों ने इस जहरीली शराब पीकर पार्टी की।

इधर छैरा गांव में ही रहने वाला पंजाब सिंह (40) पुत्र किशनचंद्र किरार भी खेत में पड़ी अवैध शराब उठाकर पी गया। देर रात जब तीनों की तबियत बिगड़ी तो इन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उधर, छैरा-मानपुर गांव में अवैध जहरीली शराब पीने वाले ऐसे लोग, जो डर की वजह से सामने नहीं आ रहे हैं, उनकी जांच के लिए गांव में डॉक्टर्स की टीम भेजी गई। इस टीम ने कई लोगों का चेकअप किया। अफसरों ने ग्रामीणों से अपील भी की है कि वे नि:संकोच होकर अपना चेकअप कराएं ताकि उनका समय पर इलाज किया जा सके।

जांच टीम को दें शराब बनाने, बेचने वालों की जानकारी, गुप्त रहेगा नाम: 

मानपुर में 2 मृतको के परिजन से मुलाकात के दौरान अपर मुख्य सचिव राजौरा ने पीड़ितों के परिजन से कहा कि इस क्षेत्र में चल रहे अवैध शराब के कारोबार से जुड़ी कोई भी जानकारी, जैसे अवैध शराब कौन बनाता है, बेचता कौन है, कौन-कौन इस जहर के कारोबार में शामिल हैं, हमें बता सकते हैं।

मुरैना स्थित रेस्ट हाउस पर आकर आप इसकी जानकारी हमें देकर जांच में मदद करें, आपका नाम भी उजागर नहीं होगा। इसके बाद इसके बाद तीनों अफसर बागचीनी थाने पहुंचे जहां आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर, बरामद की गई जहरीली शराब की लैब में जांच कराने संबंधी बिंदुओं पर 2 घंटे तक मंत्रणा चलती रही। इस दौरान नवागत एसपी सुनील कुमार पांडेय भी मौजूद थे।

जांच टीम से मृतक के परिजन बोले- साहब! 4 बेटियां हैं, 2 बीघा जमीन भी बुआ की है, अब कैसे पेट पालेंगे

जहरीली शराब कांड की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, एडीजी ए सांई मनोहर और डीआईजी मिथिलेश शुक्ला गुरुवार को मामले की जांच करने छैरा-मानपुर गांव में पहुंचे। अपर मुख्य सचिव राजौरा, सरनाम सिंह के घर पहुंचे। यहां मृतक का दामाद जितेंद्र राजपूत मिला व उसकी 4 छोटी-छोटी बेटियां मिलीं। जितेंद्र ने कहा कि साहब! इनकी 4 छोटी-छोटी बेटियां हैं, 2 बीघा जमीन है, वह भी बुआ की है। इनका गुजारा कैसे होगा।

इस पर अफसरों ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया। वहीं सामने ही रहने वाले दीपेश (27) पुत्र श्रीप्रकाश के परिजन से भी घटना की विस्तृत जानकारी ली। अफसरों ने मृतक के चाचा से पूछा कि मृतक ने शराब कब पी थी और कब मौत हुई। शराब कहां से कितने रुपए में खरीदी, परिवार में उनके पीछे कौन-कौन रह गया है, खेती-बाड़ी कितनी है आदि बिंदुओं पर जानकारी ली।

उज्जैन में 16 मौतों के बाद तीन बड़ी अनुसंशा हुई थीं, अमल एक पर भी नहीं

अक्टूबर में उज्जैन में जहरीली शराब से 16 मौतें हुई थीं। तब भी जांच के लिए राजेश राजौरा ही गए थे। लौटने के बाद तीन बड़ी अनुसंशा हुई थी, जिसका किसी ने पालन नहीं किया। सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गई। जबकि इस बीच में तीन से चार घटनाएं हो गईं।

1. हर जिले में एडीएम की अध्यक्षता में एडिशनल एसपी, आबकारी अधिकारी का टास्क फोर्स बनेगा। यह हर 1. दिन में बैठक करके ऐसे कारोबार को रोकेगा।

हकीकत : एक भी बैठक की जानकारी नहीं। मुरैना के बारे में ही आबकारी आयुक्त दुबे से पूछा गया तो उन्होंने कहा, कलेक्टर ने कोई रिपोर्ट नहीं दी।

2. कोई भी पुलिस अधिकारी या आबकारी अफसर एक स्थान पर पांच साल से अधिक नहीं रहेगा।
हकीकत : ठोस तरीके से इसका पालन नहीं हुआ।

3. इंडस्ट्रियल एल्कोहल के मूवमेंट पर निगरानी रखी जाएगी। कानून के दायरे में लाया जाएगा।
हकीकत : ऐसा कोई मैकेनिज्म अभी तक तैयार नहीं।