खनिज मंत्री के क्षेत्र में 6 माह से नहीं बंटा मध्याह्न भोजन, कमलनाथ ने साधा निशाना

भोपाल। मध्य प्रदेश में अभी राशन घोटाला मामला पूरी तरह से शांत नहीं हुआ था कि खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के एक पत्र ने हडक़ंप मचा दिया है। खनिज मंत्री ने यह पत्र स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को लिखा है जिसके बाद से ही स्कूल शिक्षा विभाग में हडक़ंप मच गया है। वहीं इस पत्र के सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी प्रदेश सरकार को घेरा है।

दरअसल खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में मध्याह्न भोजन वितरण ना होने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में पन्ना भ्रमण के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा अवगत कराया गया कि विकासखण्ड अजयगढ़ के लगभग 100 से अधिक स्कूलों में 6 महीने से मध्याह्न भोजन का वितरण नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण आमजनों में काफी असंतोष है, ऐसी स्थिति अत्यंत ही चिंता का विषय है, अनुरोध है कृपया मध्याह्न भोजन वितरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए मध्याह्न भोजन का वितरण सुचारू रूप से संचालित किए जाने के संबंध में आदेश प्रदान करने का कष्ट करें।

कमलनाथ ने साधा निशाना

पत्र सामने आने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि शिवराज सरकार में किस प्रकार से सरकारी योजनाओं में फर्जीवाडे व भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है , किस प्रकार से यह सारी योजनाएं कागजों पर चल रही है , इसके प्रमाण समय-समय पर सामने आते रहे हैं। पोषण आहार के नाम पर किस प्रकार से प्रदेश में फर्जीवाड़ा किया गया। उत्पादन, परिवहन व वितरण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जितना उत्पादन हुआ नहीं, जिसका परिवहन हुआ ही नहीं, जिसका वितरण हुआ नहीं, वह सभी कागजों पर बता कर करोड़ों रुपए डकार लिए गये।

पूर्व सीएम ने कहा कि हम शुरू से कह रहे है कि मध्यान्ह भोजन के नाम भी वर्षों से गड़बड़झाला चल रहा है। अब सरकार के जिम्मेदार खुद उसकी सच्चाई को सामने ला रहे हैं। पता नहीं सरकार कब इसकी सच्चाई को स्वीकार करेगी। मध्यान्ह भोजन के वितरण का मामला बेहद गंभीर है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि इसकी भी उच्च स्तरीय जांच हो, इस योजना में भी फर्जीवाड़ा बंद हो, इसके दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो।