गुजरात चुनाव की वजह से सरकार नहीं कर रही संसद के शीतकालीन के तारीखों की घोषणा

गुजराज चुनाव को लेकर बीजेपी के नेता कोई भी रिस्क लेना नहीं चाह रहे है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी पर चुनाव जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद इस्तेमाल करते है. अपने ही गृहराज्य गुजरात की चुनावी फिजाओं से आशंकित ये जोड़ी चुनाव जीतने के लिए हर दांव आजमा रही है.
पिछले साल यानि 2016 में संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत 16 नवंबर को हुई थी, उससे पहले 2015 में शीतकालीन सत्र की शुरूआत 26 नवंबर को हुई थी लेकिन इस बार सरकार की तरफ से अब तक शीतकालीन सत्र के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की गई है.
due to gujrat election govt is not declaring date of winter parliament session
संसद सत्र शुरू करने से 15 दिन पहले सभी संसद सदस्यों को सूचना देनी होती हैं जिससे कि वे सत्र के लिए अपनी तैयारी पूरी कर लें लेकिन अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. इस बारे में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी देश के नहीं बीजेपी के प्रधानमंत्री हैं. केन्द्र सरकार का आधा मंत्रिमंडल चुनाव प्रचार व अन्य दौरों में व्यस्त हैं, उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम मंत्रियों का भी यही हाल है.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारण, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अमेठी से चुनाव हारने वाली केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत तमाम मंत्री गुजरात चुनावों में दिन रात एक किए हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि संसद के शीतकालीन सत्र को गुजरात चुनाव की वजह से टाला जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि ‘क्या आप पहली बार गुजरात में चुनाव करवा रहे हैं.
अचानक गुजरात चुनाव सरकार के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया ? यह पूर्ण रूप से तुगलकी निर्णय है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि संसद सत्र में अगर देरी होती है तो निश्चित तौर पर इसका फायदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य को मिलेगा क्योंकि विपक्ष इन मसलों को संभवत: संसद में उठाएगा.
संसद के इस चर्चा का प्रभाव गुजरात चुनाव पर भी होगा जिससे भाजपा को नुकसान हो सकता है. सवाल उठता है कि क्या जनता ने इस सरकार को सिर्फ चुनाव प्रचार कर के पार्टी को जितवाने के लिए चुना है?