बीजेपी शासित राज्यों में बस रामराज्य और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात कही जा रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अपनी सरकार को पवित्र बताते नहीं थकते. वहीं उन्हीं के पार्टी के नेता फर्जी दस्तावेज से एक टेंपो के नंबर को डंपर का नंबर बना देते हैं.
मामला उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर क्षेत्र का है. यहां बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. किंदा की पहचान एक नेता से ज्यादा विवादों में रहने वाले व्यक्ति के रूप में रहती है.
इनके ऊपर तमाम मामले पहले से चल रहे हैं और आगे भी शायद चलते रहेंगे क्योंकि यह सत्ता पक्ष के नेता है और एक कैबिनेट मंत्री के चहेते भी हैं. कुलविंदर सिंह किंदा ने हरियाणा में चल रहे एक टेंपो के नंबर को डंपर पर डालकर रामनगर में वन निगम कार्यालय में रजिस्टर्ड करा दिया और तीन साल सरकार को चूना लगाया.
मामला साल 2014 का है तब से वन निगम में डंपर एक टैंपो के नंबर पर चलता रहा. कुलविंदर सिंह किंदा की किस्मत खराब थी या कानून का डंडा कड़क था 1 दिन डंपर बाजपुर कोतवाली की सुल्तानपुर पट्टी चौकी में पकड़ा गया और परत-दर-परत इस गोरखधंधे की पोल खुलती चली गई.
यह कोई अकेला मामला नहीं है इस प्रकार के तमाम मामले अभी भी हैं जिनकी जांच होनी बाकी है. एसएसपी उधम सिंह नगर सदानंद दाते की मानें तो इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. दस्तावेजों की जांच करने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी और अगर इस पूरे मामले में कोई सरकारी अधिकारी की मिलीभगत पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
अब देखना यह है कि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रदेश अध्यक्ष क्या कार्रवाई करते हैं क्योंकि पिछली सरकार में जब यही महाशय कांग्रेस में हुआ करते थे और उन्होंने उस वक्त ट्रेनी आईएएस रही कल्याणी के ऊपर हमला किया था. तब भारतीय जनता पार्टी के नेता चीख-चीखकर गिरफ्तारी की बात करते थे और कानून की दुहाई देते थे. आज किंदा बीजेपी में जाकर पवित्र हो गए लगता है.