यूपी की योगी सरकार को इलाहाबाद के साधु-संतों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है. साधु-संत इस कदर नाराज हैं कि सभी साधुओं ने इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिठ्ठी लिखी है. उन्होंने कहा है कि अगर गुजरात चुनाव से फुरसत मिल जाए तो उत्तर प्रदेश और वहां होने वाले माघ मेला पर ध्यान देने का कष्ट करें. उन्होंने अपना गुस्सा जताते हुए यहां तक कह डाला कि योगी सरकार से अच्छी समाजवादी सरकार की पिछली सरकार थी. उस सरकार में साधु-संतों को जो सम्मान मिला वह योगी सरकार में नहीं है.
इलाहाबाद के संतों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी चिठ्ठी
रामानंद सरस्वती की अध्यक्षता में संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिठ्ठी लिखी है और माघ मेला में अव्यवस्थाओं का जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि 16 दिन बाद शुरू होने वाले माघ मेले के लिए हजारों लोग पहुंच चुके हैं, लेकिन वहां अभी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है. माघ मेले को लेकर नए डीएम की उदासीनता पर सवाल उठाया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी केवल कुंभ की व्यवस्था को देख रहे हैं जिसकी वजह से माघ मेला की दुर्दशा हो रही है.
स्वच्छ भारत मिशन’ का ढिंढोरा पीटने वाली बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए संतों ने कहा, “मेले में एक शौचालय तक की व्यवस्था नहीं की गई है जिसकी वजह से लोग कहीं भी शौच करके गंदगी फैला रहे हैं और कोई सफाईकर्मी भी मौजूद नहीं है.”
मुख्यमंत्री को लिखी संतों की चिट्ठी से प्रशासन में हड़कंप तो मच ही गया है, साथ ही ये चिट्ठी इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ गुजरात चुनाव के चक्कर में अपने प्रदेश को भी पूरी तरह से भूल गए और जनता को परेशान होने के लिए छोड़ दिया.