कोयले में बीजेपी के हाथ भी हुए काले, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी मामले की रिपोर्ट

कोयला आवंटन में हुए घोटाले में बीजेपी सरकार के मत्रियों के साथ काले होते नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ कोयला खदान आबंटन प्रकरण की जांच प्रभावित करने के आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल को सोमवार को निर्देश दिया कि वह इस मामले में प्रगति रिपोर्ट पेश करे.

इसके अलावा देश की सबसे बड़ी अदालत ने निर्देश दिया कि इस मामले में अब तक की जांच की प्रगति के ब्यौरे की स्थिति रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर सीलबंद लिफाफे में पेश की जाए. इस मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही हैं जिसमे न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति एके सीकरी शामिल हैं.

वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि विशेष जांच दल के गठन को कई महीने हो चुके हैं और अब उसे जांच के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा जाना चाहिए.

BJP involvement in the Coal scam

आपको यह बता दें कि 23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने जांच ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक एमएल शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी जिसे जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक के खिलाफ कोयला खदान आबंटन मामलों की जांच को प्रभावित करने के प्रयास के पहली नजर में आरोपों पर गौर करना था. इस प्रकरण से संबंधित आठ मामले जांच एजेंसी के सर्वोच्च प्राधिकारी के समक्ष लंबित हैं.

इस पर भूषण ने कहा, ये मामले सर्वोच्च प्राधिकारी के समक्ष क्यों लंबित रखे जा रहे हैं ये राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील मामले हैं. हालांकि, पीठ ने जांच ब्यूरो के निदेशक को इन आठ मामलों को 15 जनवरी, 2018 से पहले ही अंतिम रूप देने का निर्देश दिया.