उत्तरप्रदेश के योगीराज के आपने कई किस्से सुने होने पर अब ये किस्सा भी सुन लीजिये. यूपी में निकाय चुनाव का शंखनाद हो चूका है. वहा 144 धारा भो लग चुकी है. इस धारा का मतलब है की कोई भी पार्टी अब अपना चुनाव प्रचार नहीं कर सकती पर योगीराज में कुछ और ही हो रहा है.
विवादों में रहने वाली यूपी की योगी सरकार एक बार फिर सुर्खियों में है. मामला लखनऊ का है, जहां आचार संहिता और पारदर्शिता की पैरवी करने वाली बीजेपी खुद नियम-कानून और आचार संहिता को ताक पर रखकर काम कर रही है. बीजेपी नेता ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर पुलिस की गाड़ी को चुनावी सामग्री बांटने में लगा दिया है.
निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही पूरे प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है. प्रदेश में सभी पार्टियां आचार संहिता नियम का पालन कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी के लिए आचार संहिता नियम सिर्फ नाम मात्र का है. बीजेपी नेताओं ने आचार संहिता उल्लंघन से बचने के लिए नया तरीका निकाल लिया है. बीजेपी ने पूरे उत्तर प्रदेश में अब सरकारी गाड़ी और पुलिस की गाड़ी को निकाय चुनाव में प्रचार सामग्री ढोने में लगा दिया है. बीजेपी कार्यालय से पुलिस की गाड़ी में चुनावी प्रचार सामग्री भरकर भेजा जा रहा है. इस मामले में चुनाव आयोग भी मूकदर्शक बना हुआ है.
आम जनता ऐसी स्थिति में पारदर्शिता से चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकती है? सवाल यह भी है कि क्या चुनाव आयोग भी बीजेपी सरकार के आगे नतमस्तक हो गया है, अगर ऐसा नहीं है तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?सूबे के 652 निकायों के लिए तीन चरण में 22, 26 और 29 नवंबर को मतदान होगा. सभी निकायों की मतगणना 1 दिसंबर को होगी. एक मात्र कौशाम्बी की भरवारी नगर पालिका परिषद् के चुनाव नहीं होंगे.