राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के बाद अब सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास लेंगी. शुक्रवार (15 दिसंबर) को सोनिया गांधी से जब पत्रकारों ने कांग्रेस पार्टी में उनकी भावी भूमिका को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने अपने रिटायरमेंट की बात कही.
राहुल के अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद उनकी (सोनिया गांधी) प्रमुख भूमिका क्या होगी, इस सवाल के जवाब में सोनिया गांधी ने कहा कि ‘अब मैं रिटायर हो रही हूं’. सोनिया गांधी कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रही है, लेकिन राहुल की नियुक्ति के बाद उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है.
बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सोमवार (11 दिसंबर) को पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया. वह 16 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे. गौरतब है कि सोनिया गांधी वर्ष 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं. वह 19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं.
यदि आजादी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नजर डाले तो पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते समय पांच वर्ष, इंदिरा गांधी भी करीब पांच वर्ष, राजीव गांधी भी करीब पांच वर्ष तथा पीवी नरसिंह राव ने भी करीब चार वर्ष तक इस जिम्मेदारी को संभाला.
कांग्रेस में लालबहादुर शास्त्री एवं मनमोहन सिंह दो ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाए. आजादी के बाद सोनिया गांधी जहां 19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं, वहीं इस मामले में दूसरे स्थान पर उनकी सास इंदिरा गांधी रहीं जिन्होंने अलग-अलग बार कुल सात साल तक इस दायित्व को निभाया.
करीब सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी में भले ही सोनिया गांधी सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष पद पर आसीन रही हो, लेकिन आजादी के बाद पार्टी का नेतृत्व करने वाले कुल 18 नेताओं में से 14 नेहरू-गांधी परिवार से नहीं हैं. राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के पांचवें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं.