इंजीनियरिंग कॉलेजों में सन्नाटा, 151 कॉलेजों की 55000 से ज्यादा सीटों के लिए मात्र 3000 आवेदन

भोपाल। इंजीनियरिंग कॉलेजों का दिवाला पीटने का समय आ गया है। इतनी बुरी हालत तो किसी भी कोर्स की नहीं थी। मोटी फीस लेकर इंजीनियरिंग की डिग्री थमाने वाले प्राइवेट कॉलेज शायद बंद होने वाले हैं क्योंकि मध्य प्रदेश के 151 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 55420 सीटों के लिए शुरुआत के 3 दिनों में मात्र 3 हजार रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

  1. पहले चरण में तीन अक्टूबर तक पंजीयन होंगे। 
  2. विद्यार्थी चार और पांच अक्टूबर को पंजीयन में सुधार भी कर सकते हैं। 
  3. 12 अक्टूबर को उनके आवंटन होंगे। 
  4. विद्यार्थी 16 अक्टूबर तक प्रवेश ले पाएंगे। 
  5. इसके बाद विद्यार्थी 12 से 16 तक अपग्रेडेशन ले पाएंगे। 
  6. जिनके आवंटन 19 को होंगे और विद्यार्थी 23 अक्टूबर तक प्रवेश ले सकेंगे। 
  7. इसके बाद दूसरे चरण की काउंसिलिंग 13 अक्टूबर से दस नवंबर तक चलेगी। 
  8. इसके बाद CLC के पंजीयन पांच से 13 नवंबर तक होंगे। 
  9. विद्यार्थी 11 से 13 नवंबर तक कालेजों में पहुंचकर प्रवेश ले पाएंगे। 

मैनेजमेंट को समझ में आ जाएगा इंजीनियरिंग कॉलेज डिग्री की दुकान नहीं होते 

इस साल उन तमाम कॉलेजों के मैनेजमेंट को समझ में आ जाएगा कि इंजीनियरिंग कॉलेज डिग्री की दुकान नहीं होते। इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई और प्रैक्टिकल जरूरी होता है। कैंपस में कंपनियां बुलाने से काम नहीं चलता। स्टूडेंट्स में इतना टैलेंट भरना पड़ता है कि जॉब मिलने के बाद प्रमोशन मिले टर्मिनेशन नहीं।