हिंदी न्यूज़ पोर्टल नागपुर टुडे की ख़बर के मुताबिक, गुजरात चुनाव के बाद केन्द्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा फेरबदल करने जा रहीं है, जिससे अमित शाह को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि अमित शाह को उनके पद से हटाया जा सकता है. इतना ही नहीं उसके बाद उन्हे कोई दूसरा कार्यकाल भी नहीं दिया जाएंगा.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुना बढ़ने की खबर सामने आने के बाद सियासी हलकों में हंगामा मचा हुआ है. जय शाह की कंपनी पर लगाए गए आरोपों पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई पार्टी नेताओं ने उनका बचाव भी किया था. लेकिन अब ख़बर है कि, गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद जय शाह की कंपनी पर लगे आरोपों की गाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर गिर सकती है.
अगले वर्ष जनवरी महीने में ही अमित शाह की जगह किसी अन्य को पार्टी अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में संभावित परिवर्तन की रुप-रेखा तैयार कर ली गई है. यही नहीं, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सहमति मिल चुकी है.
खबरों के अनुसार, गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पहले की तुलना में कमजोर स्थिति के लिए शाह-पुत्र जय शाह प्रकरण को एक बड़ा कारण माना जा रहा है. पार्टी एवं संघ को भय है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बना विपक्ष हमलावर हो जाएगा जिसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ सकता है.
पीएम मोदी अपने अतीत से इतर नेहरू-अटल की तरह शांतिदूत के रूप में वैश्विक स्वीकृति की इच्छा रखते हैं. पार्टी अध्यक्ष शाह को अपनी इस इच्छा पूर्ति के मार्ग में पीएम मोदी अंदर ही अंदर कंटक मानने लगे हैं. पीएम मोदी चाहते हैं कि शाह खुद ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दें.
वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह की कार्यप्रणाली को लेकर भी पार्टी के अनेक नेता असंतुष्ट रहते हैं. बीजेपी शासित राज्यों के अनेक कथित रूप से मुख्यमंत्री शाह के अनावश्यक हस्तक्षेप से नाराज़ हैं. इस मामले में खुलकर विरोध में बोलने की हिम्मत तो कोई नहीं कर रहा लेकिन उनकी नाराज़गी के संकेत स्पष्ट हैं.