सोमनाथ मंदिर में गैर-हिंदू रजिस्टर में नाम दर्ज होने को लेकर उठे विवाद पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करारा जवाब दिया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह और उनके परिवार के सदस्य ‘शिवभक्त’ हैं, लेकिन राजनैतिक फायदे के लिये वह अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.
बंद कमरे में व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें अपने धर्म के बारे में किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है और न ही वह धर्म को लेकर ‘दलाली’ करते हैं. राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में उनका नाम दर्ज कर दिया, जिसकी वजह से विवाद हुआ.
उन्होंने कहा कि, ‘‘मेरी दादी और मेरा परिवार शिवभक्त है. लेकिन हम इन चीजों को निजी रखते हैं. हम आमतौर पर इस बारे में बातचीत नहीं करते हैं, क्योंकि, हमारा मानना है कि यह बेहद व्यक्तिगत मामला है और हमें इस बारे में किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है.’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि, ‘‘हम इसका ‘व्यापार’ नहीं करना चाहते हैं. हम इसको लेकर दलाली नहीं करना चाहते हैं. हम इसका राजनैतिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.’’ कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस बातचीत का वीडियो मीडिया से साझा किया है.
गांधी ने कहा कि, ‘‘मैं आपको बताऊंगा कि कल क्या हुआ. मैं मंदिर के भीतर गया. तब मैंने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद बीजेपी के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में मेरा नाम लिख दिया.’’ सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू के बीच संबंधों पर राहुल ने कहा कि वे कुछ राजनैतिक और विचारधारात्मक मतभेदों के बावजूद मित्र थे.
उन्होंने कहा कि, ‘‘यद्यपि वे मित्र थे और साथ जेल भी गये, लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वे दुश्मन थे. साथ ही इस बात के सबूत हैं कि सरदार पटेल आरएसएस के खिलाफ थे. लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वह आरएसएस से सहानुभूति रखते थे. यह सही नहीं है.’’
बता दें कि राहुल के बुधवार को सोमनाथ मंदिर जाने के बाद विवाद हो गया था जब अहमद पटेल के साथ उनका नाम गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में पाया गया. कांग्रेस ने इसे ‘फर्जी’ करार दिया था जबकि बीजेपी इस बात पर जोर दे रही थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष लोगों के सामने अपने धर्म की घोषणा करें.