शिव’राज में क्यों बेख़ौफ़ हैं मध्यप्रदेश के खनन माफिया, सरकार की अक्षमता या शिवराज का संरक्षण..?

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में अवैध रेत खनन कर लौट रहे खनन माफिया द्वारा डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा की ट्रेक्टर-ट्राली से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। इसके पहले वर्ष 2012 में आईपीएस नरेन्द्र कुमार से लेकर तो अब तक कई लोग रेत माफियाओं का शिकार हो चुके हैं।
आखिर मध्यप्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं..?

इस सवाल का जवाब पाने के लिए आपको मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र सीहोर और विदिशा में रेत खनन के कारोबार को देखना होगा, आप पाएंगे कि इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री के रिश्तेदार, परिवार, मित्र और समर्थकों का मूल कारोबार रेत उत्खनन ही है। अब जब मुख्यमंत्री के क्षेत्र में अवैध रेत खनन नहीं रुक पा रहा है तो उनसे या उनकी सरकार से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में रेत खनन पर प्रतिबन्ध की अपेक्षा भी बेईमानी ही है। सुनने में तो यहाँ तक आता है की मुख्यमंत्री के क्षेत्र के रेत खनन माफिया पूरे प्रदेश के खनन माफियाओं के संरक्षक बनकर अवैध खनन में उनकी मदद करते हैं और बदले में एक मोटी रकम वसूली जाती है।

वर्ष 2017 में खनिज विभाग ने सीहोर में ऐसे ही छह वाहनों को पकड़ा, जिनमें से चार वाहन मुख्यमंत्री के भतीजे के पाए गए थे। सीहोर जिले के बुधनी (शिवराज का विधानसभा क्षेत्र) में नर्मदा नदी के चरुआ घाट से अवैध रेत भर कर आ रहे छह वाहनों को खनिज निरीक्षक रश्मि पांडे के नेतृत्व में एक दल ने रंगे हाथों पकड़ा था जिसमें चार डंपर मुख्यमंत्री शिवराज के भतीजे प्रद्युम्न सिंह चौहान के थे। बात साफ़ है, मध्यप्रदेश में अवैध रेत उत्खनन का पूरा कारोबार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन और संरक्षण में चल रहा है।