कमलनाथ सरकार की बड़ी पहल: अब ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को मिलेगी ग्‍लोबल पहचान

इंदौर. सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर एक और कदम बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अब महाकालेश्वर के बाद ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को संवारने की दिशा में पहल कर दी है. गुरुवार को सीएम कमनलाथ ने प्रदेश के दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर परिसर के विकास के लिए 156 करोड़ रुपए की कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है. इससे पहले सरकार महाकाल मंदिर परिसर को संवारने के लिए 300 करोड़ रुपए स्वीकृत कर चुकी है.

ओंकार सर्किट बनाने की तैयारी
देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से दो ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में स्थापित हैं. ये पवित्र स्थान विश्व पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाएं, इसके लिए ओंकार सर्किट योजना तैयार की गई है. इसके तहत इंदौर को भी शामिल किया गया है, क्योंकि इंदौर से 137 किलोमीटर के दायरे में दो ज्योतिर्लिंग हैं. 55 किलोमीटर दूर उज्जैन में महाकाल तो 78 किमी दूर ओंकारेश्वर में ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग है. जबकि दोनों ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी भी सिर्फ 137 किलोमीटर है. श्रद्धालु चाहें तो एक ही दिन में दोनों के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर ऐसा कर नहीं पाते.

इसलिए इस योजना को तैयार किया गया है. इंदौर की पूर्व शासक अहिल्याबाई होलकर भी शिव की उपासक थीं. इसी वजह से उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर को मिलाकर धार्मिक टूरिज्म जोन बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें चार दिन के टूर पैकेज में भोपाल के पास भोजपुर के शिव दर्शन, उज्जैन के महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर के ममलेश्वर, इंदौर के खजराना गणेश, मांडू और महेश्वर के दर्शनीय स्थलों को पर्यटक देख सकेंगे.

156 करोड़ की योजना को मंजूरी
ओंकार सर्किट योजना के तहत महाकाल-महेश्वर के साथ ओंकारेश्वर विकास की योजना मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर तैयार की गई है. लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने निरंतर योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई, क्योंकि ओंकारेश्वर खंडवा जिले में आता है और वो उसके प्रभारी मंत्री हैं. इसलिए उन्होंने इसे अंतिम रूप दिया.

मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया गया जिसमें ओंकारेश्वर के प्रवेश द्वार को भव्य बनाना, मंदिर का संरक्षण, प्रसाद काउंटर, मंदिर के चारों ओर विकास और सौंदर्यीकरण, शॉपिंग काम्प्लेक्स, झूलापुल और विषरंजन कुंड के पास रिटेनिंग वॉल, बहुमंजिला पार्किंग, पहुंच मार्ग, परिक्रमा पथ का सौंदर्यीकरण, शेड निर्माण, लेंडस्केपिंग, धार्मिक, पौराणिक गाथा पुस्तकों की लाइब्रेरी, ओंकार आइसलैंड का विकास, गौमुख घाट का पुनर्निर्माण, भक्त निवास और भोजनशाला, ओल्ड पैलेस, विष्णु मंदिर, ब्रम्हा मंदिर, चंद्रेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार, ई-साइकिल, ई-रिक्शा सुविधा, बोटिंग, आवागमन, बस स्टेंड और पर्यटक सुविधा केन्द्र समेत दूसरे विकास कार्य शामिल हैं.

एमपी में मंदिर एक्ट बनाने के तैयारी
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश को ये गौरव हासिल है जहां 12 ज्योतिर्लिंग में से दो ज्योतिर्लिंग स्थित हैं. प्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर के बाद दूसरा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में स्थित है और ये स्थल विश्व पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित हो, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए. जबकि उन्होंने ओंकारेश्वर विकास योजना को पूरा करने के लिए समय निर्धारित करने की बात भी कही है.

यही नहीं, मुख्यमंत्री ने मंदिर एक्ट भी शीघ्र तैयार करने को कहा है. सीएम ने कहा कि हमारी मंशा है कि अगले शीतकालीन सत्र में यह एक्ट पेश किया जा सके. वहीं मुख्यमंत्री ने योजना के शिलान्यास के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं, जो कि विकास कार्य की प्रगति पर निगरानी रखेगी.