सरकार किसानों की समस्याएं सुलझाने को लेकर गंभीर नहीं है: सिन्हा

किसानों के एक आंदोलन का नेतृत्व करते वक्त सोमवार को हिरासत में लिए गए भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के किसानों की मांगें पूरी होने तक उस जगह को छोड़कर नहीं जाने का संकल्प लिया जहां उन्होंने रात गुजारी.

भाजपा के वर्तमान नेतृत्व के साथ अक्सर टकराव की स्थिति में दिखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री को सोमवार शाम विदर्भ के किसानों के प्रति राज्य सरकार की बेरुखी के खिलाफ प्रदर्शन करते वक्त हिरासत में लिया गया था. उन्हें जिला पुलिस मुख्यालय ले जाया गया था और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.

हालांकि 80 साल के इस नेता ने जगह छोड़कर जाने से इनकार किया और वह पुलिस मैदान में धरने पर बैठ गए जहां उन्होंने रात गुजारी थी. उन्होंने कहा कि किसानों की सारी मांगें पूरी होने तक वह स्थल छोड़कर नही जाएंगे.
 Government is not serious about solving problems of farmers
सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, जिला प्रशासन ने सोमवार देर रात तक हमसे बात की थी लेकिन उन्होंने हमारी मांगें नहीं मानीं. हम किसानों की सभी मांगें पूरी होने तक यह जगह छोड़कर नहीं जाएंगे.

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याएं सुलझाने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा, मैं किसानों के प्रति प्रशासन और सरकार का रुख महसूस करता हूं जो गंभीर नहीं है. हम मजाक बनाने की चीज नहीं हैं.

हालांकि जिला प्रशासन ने दावा किया कि किसानों की ज्यादातर मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. अकोला के कलेक्टर आस्तिक पांडेय ने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने सात में से छह मांगें स्वीकार कर ली हैं और उन्होंने किसानों से प्रदर्शन खत्म करने का अनुरोध किया.

सोमवार शाम को भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा को महाराष्ट्र के अकोला में उस समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब वह विदर्भ क्षेत्र के किसानों के प्रति सरकार की ‘बेरुखी’ का विरोध कर रहे थे.


अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक राकेश कालासागर ने कहा था, ‘हमने बंबई पुलिस कानून की धारा 68 के प्रावधानों के तहत जिला कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 250 किसानों के साथ सिन्हा को हिरासत में लिया.’ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को अकोला जिला पुलिस मुख्यालय मैदान ले लाया गया.