कारम बांध में हुए भ्रष्टाचार की कांग्रेस ने की न्यायिक जाँच की मांग

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने आज कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आर्थिक अपराध अन्वेषण कार्यालय पहुंचकर कारम बांध निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार के संबंध में पुलिस महानिदेश आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा, महानिदेशक लोकायुक्त विशेष पुलीस स्थापना को ज्ञापन दिया।


बुंदेला ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के नवनिर्मित निर्माणधीन पुल एवं बांध टूटने का सिलसिला जारी है। इस बारिश में लगभग एक दर्जन से अधिक पुल-बांध टूटने एवं ढह जाने और उसमें हुए भारी भ्रष्टाचार उजागर हुये है। सरकार द्वारा किये गये इन भ्रष्टाचारों को उजागर करने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी एवं कई आमजन, सामाजिक संगठनों की तरफ से समय-समय पर आवाज एवं आपत्तियां उठती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया गया और ना ही दोषियों पर कोई उचित कार्यवाही की गई।


कांग्रेस नेता कहा कि पिछले दिनों धार जिले में कारम नदी पर बना बांध भी पहली ही बारिश में बह गया, जिस पर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस पार्टी और अनेकों नेताओं ने आपत्ति ली एवं उसकी न्यायिक जांच की मांग भी की, लेकिन शिवराज सरकार की तरफ से इस पर कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं लिया गया है। प्रदेश प्रवक्ता अवनीश सिंह बुंदेला ने आज पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा एवं पुलिस महानिदेशक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन एवं लोकायुक्त महोदय से एक ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया कि कारम बांध में हुए भ्रष्टाचार पर जल्द से जल्द कोई ठोस वैधानिक कार्रवाई की जाए। क्योंकि इसके निर्माणकर्ता कंपनी सार्थी कंस्ट्रक्शन के पास प्रदेश में वर्तमान में कई बड़े प्रोजेक्ट कार्यरत हैं, इस कंपनी की गुणवत्ता बहुत ही निम्न दर्जे की पाई गई है। जो कि भविष्य में समाज एवं मानवता के लिए एक बड़े खतरे के संकेत है। वहीं टीकमगढ़ की हरपुरा नहर भी इसी कंपनी ने बनाई थी, जिसकी लागत 80 करोड़ रूपये थी वह भी सिर्फ़ तीन वर्ष में ही टूट कर बह गई।


कांग्रेस प्रवक्ता बुंदेला ने ईओडब्ल्यु को सौंपे ज्ञापन में अधिकारी, ठेकेदार, विभाग, मंत्री पर न्यायिक जाँच की मांग करते हुए ठेकेदार की कम्पनी को ब्लैकलिस्टेड करने कंपनी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर, सरकारी नुक़सान की भरपाई किये जाने की मांग की है। साथ ही विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट का इस्तीफ़ा लिये जाने जाने और सम्बंधित अधिकारी पर भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कर निलम्बित की मांग प्रदेश सरकार से की है।