भाजपा एक तरह से ‘वन मैन शो’ और ‘दो सैनिकों की सेना’ है: शत्रुघ्न सिन्‍हा

बीजेपी के अंदरखाने अब सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. ‘पार्टी विद डिफरेंस’ का तमगा लेकर घूमने वाली बीजेपी में अब साहेब और उनके सिपहसालार का एकछत्र राज चल रहा है. इसी एकाधिकार के खिलाफ बीजेपी में बहुत हल्के से ही सही लेकिन विरोध के सुर सुनाई पड़ने लगे हैं.
अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा के समक्ष गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को एक ‘बड़ी चुनौती’ बताते हुए रविवार को कहा कि इससे पार तभी पाया जा सकता है जब यह ‘वन मैन शो’ और ‘दो-सैनिकों की सेना’ की मानसिकता से बाहर आए.

शत्रुघ्न ने कहा कि भाजपा का पुराना कार्यकर्ता होने के नाते उनकी भावना हमेशा अपनी पार्टी के साथ है. उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से युवाओं, किसानों और व्यापारियों के बीच असंतोष को देखते हुए हमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. हमें दीवार पर लिखी लिखावट को पढ़ना चाहिए और अपने विरोधियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए.’
bjp is only one man show and two Soldiers  Army
अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के कारण भाजपा के लिए असहज स्थिति उत्पन्न करने वाले तथा पार्टी के भीतर अपनी अनदेखी किए जाने नाराज चल रहे शत्रुघ्न ने कोई अन्य विकल्प ढूंढने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह भाजपा को छोड़ने के लिए इसमें शामिल नहीं हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि अगर हम ‘वन मैन शो और दो-सैनिकों की सेना’ बने रहे तो हम चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते.’
हालांकि शत्रुघ्न ने प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम नहीं लिया पर उन्होंने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि पार्टी के कद्दावर नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की क्या गलती है. या तो उन्हें दरकिनार कर दिया गया अथवा वह पराए कर दिए गए. हम सब एक परिवार के समान हैं. अगर कोई गलती हुई तो उसे सुधारने की कोशिश क्यों नहीं की गई.

उन्होंने कहा कि आडवाणी और जोशी भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं. उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया गया जो एक तरह से उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन के समाप्त होने की ओर इशारा करता है. शत्रुघ्न ने कहा कि अपनी विफलताओं पर ईमानदारी के साथ गौर करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम इससे इनकार नहीं कर सकते कि नोटबंदी के कारण कई लोगों की नौकरी गई और जैसा कि वादा किया गया उस हिसाब से कालाधन नहीं निकल सका. उन्होंने कहा कि जीएसटी एक जटिल कर प्रणाली प्रतीत होती है जिससे केवल चार्टर्ड एकाउंटेंट को लाभ पहुंच रहा है.

पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद शत्रुघ्न ने अपनी पार्टी नेतृत्व के ‘अहंकार’ को गुजरात में पाटीदार आंदोलन के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल जो कि विचाराधारा के लिहाज से भाजपा के निकट थे उन्हें जीत पाने में हम असफल रहे.

सिन्हा ने राजस्थान सरकार के उस विधेयक की भी आलोचना की जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपी लोकसेवकों के बारे में सरकार की इजाजत के बिना मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाए जाने का प्रावधान