तहसीलदार को बीच सड़क पीटने वाले विधायक के समर्थन में आई बीजेपी, बदल सकता है MP का सियासी गणित

 मध्य प्रदेश में रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले तहसीलदार को बीच रोड पर रोककर उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में स्थानीय अदालत ने बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को दो साल कैद की सजा सुनाई है। जिसके दो दिन बाद एमपी विधानसभा ने प्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से भाजपा विधायक की सदस्यता खत्म कर दी। अब सीट पर उपचुनाव होगा। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने पार्टी विधायक प्रहलाद की सदस्यता खत्म करने के निर्णय को अलोकतांत्रिक बताया है।

एमपी की राजनीति में असर: 

पवई सीट खाली होने के साथ मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 108 से घट कर 107 रह गई है, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 115 है, जो अपने दम पर अकेले बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े से अब भी एक कम है। कांग्रेस बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन पर सरकार चला रही है। यदि पवई सीट पर उपचुनाव होता है और कांग्रेस इसे जीत लेती है तो कांग्रेस बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े पर पहुंचकर अपने दम पर अकेले बहुमत हासिल करने में सफल हो जाएगी।

भाजपा विधायक दोषी करार: 

बता दें कि गुरुवार को सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई कर रहे भोपाल के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों को रेत खनन के खिलाफ वर्ष 2014 कार्रवाई करने वाले तहसीलदार आर के वर्मा को बीच सड़क पर रोककर उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की जेल और 3,500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत से सजा सुनाये जाने के बाद उच्च न्यायालय में अपील के लिए प्रहलाद लोधी को एक महीने की मोहलत मिली है।

कांग्रेस की भाजपा को नसीहत: 

मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता भूपेन्द्र गुप्ता ने पवई सीट से भाजपा एमएलए की सदस्य्ता खत्म केर निर्णय को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘भाजपा को याद करना चाहिए कि इन्हीं परिस्थितियों में उन्होंने (पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने) बिजावर की भाजपा विधायक आशारानी की सदस्यता खत्म कर दी थी। भाजपा को विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति पर कुछ आरोप लगाने से पहले कानून का सम्मान करना चाहिए।’’