बाबरी विध्वंस मामला: समन जारी होने के बाद शुक्रवार को CBI अदालत में पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह

लखनऊ: कोर्उ बाबरी मस्जिद को ढहाने कि साजिश रचने के मुकदमे की सुनवाई कर रही है, जिसमे भाजपा के कई नेताओं के नाम शामिल है जिसमे मुख्यतः कल्याण सिंह , लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा अन्य को आरोपी बनाया गया है.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में समन जारी होने के बाद शुक्रवार को लखनऊ के सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. बाद में उन्हें जमानत दे दी गई.

बाबरी विध्वंस के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव की अदालत में पेश हुए.

अदालत ने प्रक्रिया के तहत सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में लेने को कहा, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से जमानत की अर्जी दी गई, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.

उसके बाद अदालत ने कल्याण सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धार्मिक आधार पर वैमनस्य फैलाने), 153बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन), 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति पहुंचाना या अपवित्र करना) और 120बी (साजिश रचने) के आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू की.

इसी बीच, कल्याण सिंह ने अदालत में खुद पेशी से छूट देने की अर्जी दाखिल की, जिस पर विचार करते हुए अदालत ने अगले निर्देश तक उन्हें यह छूट दे दी.

मालूम हो कि सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते 21 सितंबर को कल्याण सिंह को बाबरी विध्वंस मामले में 27 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था.

इससे पहले बीते नौ सितंबर को सीबीआई ने लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बाबरी ढांचा ढहाए जाने के मामले में मुकदमे का सामना करने के मकसद से तलब करने के अनुरोध वाली अर्जी दी थी.

अर्जी पेश करते हुए सीबीआई ने कहा था कि कल्याण सिंह के खिलाफ 1993 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

अदालत बाबरी मस्जिद ढहाने की साजिश रचने के मुकदमे की सुनवाई कर रही है, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा अन्य को आरोपी बनाया गया है.

पिछले साल 30 मई को विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 12 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे.

कल्याण सिंह उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, जब छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को क्षतिग्रस्त किया गया था. सिंह ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बहरहाल, कल्याण सिंह को उस वक्त अदालत में पेश होने से छूट मिल गयी थी, क्योंकि वह राजस्थान के राज्यपाल थे.

उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को स्पष्ट किया था कि जैसे ही कल्याण का राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होगा, सीबीआई अदालत उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर सकेगी.

इसी वजह से कल्याण सिंह का राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल खत्म होने के बाद विशेष अदालत ने सीबीआई द्वारा बीते नौ सितंबर को दाखिल अर्जी पर आदेश पारित करते हुए उन्हें न्यायालय में पेश होने को कहा था.