गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव से ठीक पहले गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हुए छात्र परिषद के चुनाव में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की करारी हार हुई है. इस चुनाव में सभी सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है.
अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय छात्र परिषद के चुनाव में एबीवीपी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. जबकि कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन किया. बापसा और एलडीएसएफ जैसे दलित और वामपंथी छात्र संगठनों ने भी एबीवीपी के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवारों का ही समर्थन किया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकांश दलित और लेफ्ट समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. यूनिवर्सिटी के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित विभाग ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ में निर्दलीय उम्मीदवार दिलीप कुमार ने जीत दर्ज की है. जबकि ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ में केरल निवासी निर्दलीय प्रत्याशी अरविंद नामपूथिरी ने जीत हासिल की है.
बता दें कि इससे पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवसिर्टी (JNU) और दिल्ली विश्वविद्यालय(DU) के छात्र संघ चुनाव में भी एवीबीपी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. इसी साल सितंबर में हुए जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एक बार फिर लेफ्ट का ही परचम लहराया था.
जेएनयूएसयू के केंद्रीय पैनल के लिए हुए चुनाव में यूनाइटेड लेफ्ट ने बाजी मारते हुए सभी चारों पदों पर विजय हासिल की थी. वाम प्रत्याशियों ने आरएसएस समर्थित एबीवीपी के अधिकतर उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराया था. वहीं, सितंबर में ही हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में भी ABVP को बड़ा झटका लगा था.
13 सितंबर को आए चुनाव परिणाम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने जोरदार वापसी करते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर कब्जा कर लिया था. एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रॉकी तुषीद ने जीत दर्ज की है. एनएसयूआई के हिस्से दो सीटें आईं, तो एवीबीपी को दो सीटें मिलीं थी.