त्योहार पर ढिलाई, रोजाना आ रहा कई क्विंटलों मावा

बाजारों में निगरानी नहीं, सूचना के भरोसे फूड टीम

ग्वालियर – हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी मावा और मिठाइयों को लेकर फूड सेफ्टी विभाग लचर रवैया अपनाए हुए है। स्थिति यह है कि शहर में एंट्री प्वाइंट पर चेकिंग बंद हो गई है। यह स्थिति तब है जब लोकसभा चुनाव को लेकर सख्ती बरती जा रही है। यही स्थिति शहर के सबसे बड़े मावा मार्केट मोर बाजार का भी है।
यहां भी अंचल से रोजाना बड़ी मात्रा में मावा पहुंच रहा है। यहां आने के बाद यह मावा मिठाई दुकानों के अलावा घरों तक भी जा रहा है, लेकिन इसकी सैंपलिंग तक नहीं हो रही है। जिससे इसकी शुद्धता सवालों के घेरे में है। फूड सेफ्टी विभाग की टीम त्योहार के सीजन में भी इस बाजार में अब तक कार्रवाई के लिए नहीं निकली है, जबकि ग्वालियर में आए दिन नकली मावा बड़ी संख्या में पकड़ा जा रहा है।
तिघरा के गुप्तेश्वर के पास हाल ही नकली मावा मिला था, जिसे भोपाल भेजा रहा था। वहीं बीते रोज ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मावा पकड़ा गया था। फूड विभाग के अफसर सूचना के आधार पर ही कार्रवाई करने में भरोसा हैं। मावा और मिठाई कारोबारियों के अनुसार होली के दौरान ग्वालियर में 8 हजार क्विंटल से अधिक मावा और मिठाई की खपत हो जाती है।

कोर्ट ने जाहिर की थी चिंता, कहा रोज 100 सैंपल लें, ​फूड विभाग नहीं कर रहा अमल

20 दिन का लेखा-जोखा: 4 बार पकड़ा मावा, माफिया पकड़ से बाहर

  1. डबरा में 5 मार्च को फूड सेफ्टी टीम ने दिनेश शिवहरे के मकान में पॉम ऑयल मिलाकर मावा बनते हुए पकड़ा। यहां पॉम आॅयल से भरे 2 ड्रम व दूसरा सामान जब्त किया, लेकिन मकान मालिक, मावा निर्माता आदि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकी। 2. तिघरा रोड पर ओढ़पुरा में लाखन सिंह के मकान से टीम ने मिलावटी 1440 किलो मावा और पनीर जब्त किया। अब तक इस मामले में मकान मालिक और कारोबारी पर कार्रवाई नहीं की गई। 3. रेलवे स्टेशन ग्वालियर पर टीम ने एक गाड़ी में करीब 1600 किलोग्राम मावा पकड़ा। जो कि भिंड से लाया गया और भोपाल भेजने की तैयारी थी। टीम अब तक इस मावा के मालिक तक नहीं पहुंच सकी है। 4. ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 19 मार्च को पार्सल काउंटर के बाहर 240 किलोग्राम मावा की 6 डलिया जब्त की, लेकिन मावा किसका है और कौन लेकर आया। इसके बारे में अब तक टीम कुछ भी पता नहीं लगाा पाई है।

हाईकोर्ट ने सख्ती की तो 15 दिन चलाया विशेष अभियान
मिलावट से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जब हाईकोर्ट ने अफसरों पर सख्ती की। तो ग्वालियर चंबल संभाग के 8 जिलों में 15 दिन के लिए विशेष मुहिम चलाई गई। जिसमें कार्रवाई के लिए प्रदेशभर से फूड सेफ्टी ऑफिसरों की टीम पहुंचाई गई। टीमों ने 15 फरवरी से 29 फरवरी तक फूड प्रॉडक्ट के करीब 522 सैंपल लिए। जिसमें 320 सैंपल लीगल प्रोसेस के थे। मार्च में सैंपलिंग कार्रवाई लगातार धीमी पड़ती जा रही है।

यह हैं हाईकोर्ट के आदेश

शहर में जहां से भी दूध, मावा आदि आता है। वहां एंट्री प्वाइंट पर स्थाई तौर पर सैंपलिंग व जांच की व्यवस्था की जाए।
रोजाना कम से कम 100 सैंपल हों और जल्दी जांच रिपोर्ट मंगाकर कार्रवाई की जाए।
8 से 10 जिलों का कलस्टर बनाकर लैब बनाई जाए।
खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वालों की हर 3 माह में एक बार आयटम सैंपलिंग ज़रुर हो।
एक एप्प डेवलप की जाए, जहां आम आदमी अपनी पहचान छिपाकर मिलावट से संबंधित शिकायत कर सके।