संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म “पद्मावती” को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में जारी घमासान के बीच बॉलीवुड अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद परेश रावल ने एक ऐसा विवादित बयान दिया है जिसका असर गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है. सांसद के बयान पर बीजेपी को राज्य के चुनाव में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजकोट रिंग रोड पर बीजेपी के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए परेश रावल ने राजा-रजवाड़ों की तुलना बंदरों से कर दी. हालांकि विवाद बढ़ता देख उन्होंने बाद में अपने बयान पर माफी मांगकर मामला खत्म करने की कोशिश की, लेकिन यह मामला थमता हुआ नहीं दिख रहा है.
रावल ने आगे कहा कि सरदार पटेल का अपमान करने वाले के पास सरदार पटेल का बैनर नहीं है. उसी कांग्रेस ने सरदार पटेल की मृत्यु के 30 साल बाद उन्हें भारत रत्न दिया, जबकि राजीव गांधी की मौत के तुरंत बाद दे दिया. इस बयान के बाद मामला बढ़ता देख बीजेपी सांसद को फौरन प्रेस कॉन्फेंस बुलाकर माफी मांगनी पड़ी.
मीडिया से बात करते हुए परेश रावल ने कहा कि मैंने जो बात कही थी वो हैदराबाद के निजाम के लिए कही गई थी. न कि राजपूतों को कही. राजपूत तो हमारे देश के गौरव हैं. वहीं न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में परेश रावल ने राजपूत समुदाय से माफी मांगते हुए कहा कि, ‘मैं राजपूत समुदाय के लोगों से बिना शर्त माफी मांग रहा हूं. मुझे नहीं पता मैंने ऐसी बातें क्यों कहीं. किसी भी समुदाय को आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं था.’
परेश रावल के इस बयान पर गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने निशाना साधते हुए ट्वीट करके लिखा,
भाजपा के नेता परेश रावलजी ने राजकोट में राजा-महाराजाओ को बंदर कहा !!
राजा-महाराजाओ ने अपनी रियासत देश की अखंडिता के लिए दी हैं.परेश रावलजी एसी ज़बान कहा से हो गई,अभिनेता से नेता हो गए आप..तूफ़ान आने की भनक पंछी को पहले लगती हैं.— Hardik Patel (@HardikPatel_) November 25, 2017
परेश रावल के बयान के तत्काल बाद ‘पद्मावती’ फिल्म के व्यापक विरोध के चलते चर्चा में आई राजपूत करणी सेना ने उनका पुतला जलाने के कार्यक्रम की घोषणा कर दी, लेकिन रावल ने तुरंत संवाददाता सम्मेलन बुलाकर स्पष्टीकरण दिया.