महामंडलेश्वर मन्दाकिनी ने कीटनाशक पिया

महामंडलेश्वर बनवाने के नाम पर 7 लाख 50 हजार रुपए ठगने का आरोप, साध्वी मंदाकनी को अखाड़े से निष्कासित किया

उज्जैन – उज्जैन के निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मन्दाकिनी पर देर रात को 7 लाख 50 हजार रुपए की धोखधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। सुबह करीब 11 बजे महामंडलेश्वर मन्दाकिनी ने कीटनाशक खाकर जान देने की कोशिश की। दरअसल महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने आरोप लगाया कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने उन्हें प्रलोभन दिया की उन्हें श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवा देंगी जिसके बाद महंत सुरेश्वरानंद ने झांसे में आकर उन्हें 7 लाख 50 हजार रुपए दे दिये थे। जब उपाधि नहीं मिली तो सुरेश्वरानंद ने अपने रुपए वापस मांगे तो महामंडलेश्वर मन्दाकिनी ने रुपए देने से इंकार कर दिया। जिस पर सोमवार देर रात को महामंडलेश्वर मन्दाकिनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर 7.50 लाख रुपए की ठगी के आरोप में चिमनगंज थाना पुलिस ने सोमवार देर रात महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी सहित दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इधर महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठे बताते हुए कहा कि मेरे खिलाफ उज्जैन में कुछ लोग मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं। चिमनगंज थाना पुलिस ने बताया महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज निवासी महामाया आश्रम की ओर से इस मामले में शिकायती आवेदन दिया गया था। इसमें महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने यह आरोप लगाया कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने उन्हें प्रलोभन दिया कि वह उन्हें श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवा देंगी जिसके बाद महंत सुरेश्वरानंद को झांसे में लेकर उनसे 7.50 लाख रुपए ले लिए गए। जब उपाधि नहीं मिली तो सुरेश्वरानंद ने अखाड़े के मुख्यालय में संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती है।
कीटनाशक पीने से पहले दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान मंदाकिनी पुरी बोलीं की सुरेश्वरानंद ने मुझे 14 से 19 अप्रैल के बीच हुए कन्यादान और यज्ञ में दान के रूप में 7.50 लाख रुपए दिए थे। बाद में उपाधि दिलाने के लिए दबाव बनाने लगा मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। यह राशि यज्ञ और 51 बेटियों के कन्यादान में खर्च की गई। यज्ञ के 8 दिन बाद ही सुरेश्वरानंद मुझ पर महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर दबाव बनाने लगा। मैंने उसे स्पष्ट कर दिया कि इस तरह कोई उपाधि नहीं मिलती। इसके बाद वह मुझे ब्लैकमेल कर धमकाने लगा। कुछ दिन पहले भी उसने मुझे गोली मारने की धमकी दी और बोला कि तुम्हें बर्बाद कर दूंगा। अपनी सफाई देने के कुछ देर बाद मन्दाकिनी अखाडा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज से मिलने गई लेकिन पूजा में होने के कारण नहीं मिले। इसके बाद मन्दाकिनी ने अपने आश्रम में जाकर कीटनाशक पी लिया।