बरौनी रिफाइनरी के स्थापना दिवस पर दिलाई गई सतत विकास और औद्योगिक शांति की शपथ

बेगूसराय। बिहार में स्थित इकलौते रिफाइनरी इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी का 58वां वर्षगांठ धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने अधिकारियों और कर्मचारियों को रिफाइनरी के सतत विकास के लिए सत्यनिष्ठा, आपसी सद्भाव, परस्पर सम्मान करते हुए औद्योगिक शांति बनाए रखने की शपथ दिलाई।

उन्होंने आने वाले वर्षों में रिफाइनरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए उत्पादकता में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ गुणवत्ता और पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने तथा पानी, ऊर्जा और पेट्रोलियम उत्पादों की अधिकतम बचत करते हुए रिफाइनरी के लाभांश वृद्धि के लिए कार्य करने का आह्वान किया। इसके साथ ही कॉर्पोरेशन के हरित संकल्प 2046 तक नेट जीरो की प्रतिबद्धता की दिशा में समर्पित हो कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में रिफाइनरी के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने बरौनी रिफाइनरी के निर्माण और उसकी प्रगति में योगदान देने वाले पथप्रदर्शकों को याद करते हुए स्थापना स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद रिफाइनरी टाउनशिप में बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, डॉ. भीम राव आंबेडकर एवं सूरज भवन में सूरज बाबू की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।

इस अवसर पर कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत बेगूसराय के दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर एवं सुचारू बनाने के लिए भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के सहयोग से सहायक उपकरणों का वितरण टाउनशिप स्थित जुबली हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने सभी मुख्य महाप्रबंधक, बीटीएमयू के कार्यकारी अध्यक्ष, अतिरिक्त महासचिव, ऑफिसर्स एसोसिएशन के सचिव एवं एलिम्को के उप महाप्रबंधक की उपस्थिति में किया।

उपकरण वितरण समारोह को संबोधित करते हुए श्री झा ने अपने 2023 में बरौनी रिफाइनरी द्वारा किए जाने वाले कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत व्यापक स्तर के लक्ष्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कि एलिम्को की सहायता से बरौनी रिफाइनरी बेगूसराय जिले के हरेक दिव्यांग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सहायक उपकरण प्रदान कर रही है। जिससे इस जिले का कोई भी नागरिक अक्षम ना रहें। हमारा उद्देश्य है कि मनुष्य होने के नाते मानव धर्म निभाएं और अपने साथ-साथ दूसरों को भी आगे बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के जीवन और समाज में अद्भुत बदलाव हो रहा है। केंद्र और राज्य की सरकार गंभीरता से कार्य करते हुए इनकी मदद कर रही है। दिव्यांगों के प्रति गलत सोच रखने वाले मानसिक दिव्यांग होते हैं। फिजिकल दिव्यांग के लिए सभी व्यवस्थाएं आ रही है, मानसिक रुप से संपन्न रहें, आप सभी क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं, इसकी काफी संभावना है और देश-दुनिया में इसके कई उदाहरण भी हैं।

दिव्यांगजनों के लिए ऐसी योजना पूरे इंडियन ऑयल में सबसे पहली बार 2018 में बरौनी रिफाइनरी ने लागू किया था। इस वर्ष जिला प्रशासन एवं एलिम्को की सहायता से बेगूसराय के दिव्यांगजनों के परिक्षण के बाद 14 जनवरी को साहेबपुर कमाल में और आज रिफाइनरी टाउनशिप में 427 दिव्यांगजनों के बीच 887 विभिन्न तरह के उपकरणें का वितरण किया गया। जिसमें 288 तीपहिया साईकिल, 26 व्हीलचेयर, 21 कृत्रिम अंग, छह सेंसर वाली वॉकिंग छड़ी, 40 सुनने वाली डिजिटल मशीन, 318 बैसाखी इत्यादि शामिल हैं। इस योजना पर बरौनी रिफाइनरी ने 62.5 लाख रूपये खर्च किए हैं।

कार्यक्रम का संचालन कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वरिष्ठ प्रबन्धक (ईएमएस एवं सीएसआर) नीरज कुमार ने किया। उल्लेखनीय है कि बरौनी रिफाइनरी का निर्माण सोवियत यूनियन के सहयोग से 49.40 करोड़ रूपये की लागत से 1964 में एक मिलीयन मेट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता के साथ की गई थी। 15 जनवरी 1965 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री डॉ. हुमायूं कबीर के द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया था। आधुनिकीकरण और क्षमता विस्तार परियोजनाओं के जरिए इसकी वर्तमान तेल शोधन क्षमता छह एमएमटीपीए है तथा विस्तारीकरण कर छह से नौ एमएमटीपीए करने का कार्य प्रगति पर है।