देश को राजनेताओं ने नहीं जनता ने बनाया है, राजनेता राष्ट्र नहीं है : जावेद अख़्तर

72 वर्षीय गीतकार शनिवार को नई दिल्ली में साहित्य से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने राष्ट्रवाद की व्याख्या ग़लत तरीके से की है.

दिग्गज गीतकार जावेद अख़्तर ने कहा कि ख़ुद को देश से बड़ा समझने वाले राजनेता ग़लत हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि उन्होंने देश को नहीं बनाया, बल्कि जनता ने बनाया है. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों (राजनेता) के लिए राष्ट्रवाद की व्याख्या बिल्कुल अजीब है. उन्हें लगता है कि वे ही राष्ट्र हैं. यदि आप उनका विरोध करते हैं, तो आप राष्ट्रद्रोही हो जाएंगे.’
you don't make nation, nation makes you javed akhtar sahab
अख़्तर ने कहा, ‘ये राजनेता कटाई वाली फसल की तरह हैं. फसल बदलती है, तो वे भी बदल जाते हैं. वे यहां हमेशा के लिए नहीं रहते. राष्ट्र किसी भी राजनीतिक दल और राजनेता से बड़ा है. कोई भी राजनेता, अगर यह सोचता है कि वह राष्ट्र है, तो वह ग़लत है.’

उल्लेखनीय है कि जावेद अख़्तर ने पिछले साल लुटियन की दिल्ली में अकबर रोड का नाम बदल कर महाराणा प्रताप रोड करने पर केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि देश में अनेक महान नेता हुए हैं और मुग़ल शासक अकबर उनमें से एक थे. अख़्तर ने कहा, देश में अनेक महान नेता हुए हैं और अगर आप उनकी सूची बनाएंगे, तो वह अकबर के बगैर पूरी नहीं होगी.

जावेद अख़्तर ने कहा कि कट्टरपंथियों और दूसरे मज़हब के लोगों द्वारा हमेशा अकबर जैसे धर्मनिरपेक्ष मुसलमान की आलोचना की गई. उन्होंने कहा, यह बहुत दुखद है कि एक धर्मनिरपेक्ष मुसलमान को हमेशा कट्टरपंथी लोगों और दूसरे मज़हब के लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ा.

उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘यह बहुत ही दुखद बात है कि किसी भी मुसलमान को भारतीय के तौर पर नहीं जाना जाता. टीपू सुल्तान भारतीय नहीं थे और अगर मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं, तो मैं राष्ट्रद्रोही बन जाऊंगा. …तो मैं राष्ट्रद्रोही हूं. उन्होंने कहा कि अकबर एक भारतीय था, क्योंकि वह यहां पैदा हुआ और देश को समृद्ध बनाने में योगदान देते हुए यहीं उसकी जान गई.’