शिवराज सिंह खुद किसानों के बीच क्यों नहीं जा रहे हैं: कमलनाथ

भोपाल। मध्यप्रदेश में श्री शिवराज सिंह चौहान के इतिहास में पहली बार उन पर यह लांछन लगा है कि वह पीड़ित लोगों के बीच में नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सीएम कैंडिडेट श्री कमलनाथ ने सवाल किया है कि मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। मुख्यमंत्री खुद जाकर क्यों नहीं अपनी आंख से फसल की बर्बादी देखते हैं। 

उल्लेखनीय है कि, जब मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि के कारण त्राहि-त्राहि की स्थित मची हुई थी तब रविवार दिनांक 19 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आनंद प्राप्त करने के लिए श्रीपेरंबदूर गए हुए थे। उन्होंने स्वयं बताया कि, श्री पेरंबदूर में आकर जो आनंद मुझे प्राप्‍त हुआ मैं उसको शब्‍दों में व्यक्त नहीं कर सकता। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि, श्री रामानुजाचार्य स्वामी जी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति संकट में है तो उसकी मदद करने के लिए साधु को नियमित साधना का भी त्याग कर देना चाहिए। यह बात सभी का ध्यान खींच रही है कि, मध्यप्रदेश में जब किसानों पर ओलों की इस कदर मार पड़ी है, श्री शिवराज सिंह चौहान उनके बीच में नहीं है, जबकि केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा सहित लगभग सभी प्रभावशाली मंत्री ओला पीड़ित खेतों की स्थिति अपनी आंखों से देख चुके हैं। किसानों से मिल चुके हैं। 

श्री कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि, प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर ओले गिरे हैं। किसानों की फसल नष्ट हो गई है और बहुत से किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री सर्वे कराने की बात ही बार-बार दोहरा रहे हैं। जब यह स्पष्ट दिख रहा है कि फसल बर्बाद हो चुकी है तो सर्वे की आड़ में अन्नदाता से छल क्यों किया जा रहा है? मुख्यमंत्री खुद जाकर क्यों नहीं अपनी आंख से फसल की बर्बादी देखते हैं और तत्काल किसानों को राहत राशि क्यों नहीं बांटते?

श्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि, अपने झूठे विकास के प्रचार के लिए पूरे प्रशासनिक अमले को गांव-गांव ढोल बजाने के लिए भेजा जा सकता है लेकिन किसान की बर्बादी का मुआवजा देने के लिए कागजी कार्यवाही का बहाना बनाया जा रहा है। 

आज विधानसभा सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, लफ़्फ़ाज़ी नहीं, जनता की सेवा करें। किसानों के दुख दर्द में शामिल हों। दतिया में फसल बर्बाद हो गई, कितनी राहत दी नरोत्तम जी ने। किसान बर्बाद हो रहा है और मुख्यमंत्री जी कोयम्बटूर जा रहे हैं।