महाराष्ट्र में भड़की हिंसा से बैकफुट पर BJP, PM मोदी के करीबी पर हिंसा भड़काने का केस दर्ज

मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे में 200 साल पुराने युद्ध की बरसी को लेकर छिड़ा जातीय संघर्ष पूरे महाराष्ट्र में फैल गया। कई शहरों में हिंसक घटनाएं हुई। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुलिस ने संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ एट्रासिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। जिस कारण तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

पुलिस ने अनिता सावले की शिकायत पर इन दोनों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, जानलेवा हमला करने, दंगा फैलाने, धारा 144 उल्लंघन करने जैसे आरोप में मामला दर्ज किया है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पोते और भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर का आरोप है कि 85 वर्षीय संभाजी भिड़े गुरूजी इस पूरी हिंसा के सूत्रधार हैं। उन्होंने 56 वर्षीय मिलिंद एकबोटे पर भी लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है।

संभाजी भिड़े गुरूजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद जांच शिरूर पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया गया है। बता दें कि पूर्व सांसद डॉ. प्रकाश आंबेडकर ने भीमा- कोरेगांव हिंसा के पीछे शिव प्रतिष्ठान और हिंदू एकता आघाड़ी का हाथ होने का आरोप लगाया था। संभाजी भिडे गुरुजी और मिलिंद एकबोटे हिंदूवादी संगठन से जुड़े हैं, लिहाजा इस पूरे हिंसक वारदात में नया मोड़ आ गया है। इस बीच संभाजी ब्रिगेड ने बयान जारी कर हिंसक घटना की निंदा की है। इसके साथ ही पूरे मामले के मास्टरमाइंड को खोजने की पुलिस से निवेदन भी किया है।

आपको बता दें कि हिंसा भड़काने के आरोपी संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे महाराष्ट्र के बड़े दक्षिणपंथी नेता हैं। संभाजी भिड़े महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान नाम से संगठन चलाते हैं तो वहीं मिलिंद एकबोटे हिंदू एकता आघाडी का नेतृत्व करते हैं।

बता दें कि संभाजी भिड़े गुरुजी का मराठा समुदाय में अच्छा दबदबा माना जाता है। सांगली जिले से आने वाले भिड़े गुरूजी का रुतबा ऐसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी सांगली आए थे तो सुरक्षा घेरा तोड़कर भिड़े गुरुजी से मिले थे। भिडे गुरूजी का रुतबा मोदी तक ही सीमित नहीं है। ख़बरों के मुताबिक, एक बार तो महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने उनसे मिलने के लिए अपना प्लेन तक रुकवा दिया था।

शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानने वाले संभाजी भिड़े को महाराष्ट्र में मराठा लोगों का जबरदस्त समर्थन है। लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी सांगली आए थे तो सुरक्षा घेरा तोड़कर भिडे गुरुजी से मिले थे। यही नहीं, रैली में मोदी ने तो यह तक कहा था कि, “मैं भिडे गुरुजी के बुलावे पर नहीं आया हूं। बल्कि उनका ऑर्डर मानकर सांगली आया हूं।”