उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसा :16 पर्वतारोहियों-प्रशिक्षुओं के शव बरामद, अभी 13 लापता

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन गुरुवार शाम को सात और सुबह पांच शव बरामद हुए। इसी के साथ अब तक कुल 16 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। इसमें दो इंस्ट्रक्टर और 12 ट्रेनीज बताए जा रहे हैं। इनमें एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और एक इंस्ट्रक्टर नवमी सहित दो की शिनाख्त हो चुकी है जबकि अभी अन्य शवों की पहचान होनी शेष है। इस तरह अभी भी 13 लोग लापता हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने इसकी पुष्टि की है।

हिमस्खलन की चपेट में आए निम के 15 पर्वतारोहियों-प्रशिक्षुओं काे बुधवार को रेस्क्यू किया गया था। इनमें से पांच घायल लोग थे जबकि आज शाम तक कुल 12 लोगों के शव बरामद किए गए और एक को सकुशल रेस्क्यू किया गया। जबकि पहले दिन मंगलवार को चार शव बरामद हुए थे। इस तरह से सकुशल रेस्क्यू होने वाले लोगों की संख्या और मृतकों की संख्या 16-16 हो गई है। हिमस्खलन में कुल 29 पर्वतारोही-प्रशिक्षु फंस गए थे। इनके अलावा पोर्टर और अन्य लोग भी थे।आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि रेस्क्यू आपरेशन में भारतीय वायुसेना के दो चीता, सेना के 26 जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग से माउंटेनियर की टीम और एनआईएम की टीम भी रेस्क्यू कार्य में लगी हैं। आज शाम मौसम की खराबी के रेस्क्यू आपरेशन बंद हो गया है। कल से इसे फिर शुरू किया जाएगा।

रेस्क्यू अभियान के पहले दिन मंगलवार को वायु सेना, एसडीआरएफ आदि रेस्क्यू टीमों ने चार शवों को बरामद किया था। इन मृतकों एवरेस्ट विजेता सविता थीं, जिनकी पहचान हुई थी। इसके बाद एक इंस्ट्रक्टर और शिनाख्त हुई लेकिन अन्य शवों की अभी पुख्ता शिनाख्त नहीं हो सकी है। घटनास्थल स्थित बेस कैंप से इन शवों को हेलीकाप्टर के जरिए आईटीबीपी मातली हेलीपैड पर लाया जाएगा और वहीं पर उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद वहां पर इन शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।