त्रिपुरा में हुई एक पत्रकार की हत्या के विरोध में गुरुवार को विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस ने राज्य में बंद का ऐलान किया जिससे यहां सामान्य जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा है.
मंगलवार को बांग्ला समाचारपत्र ‘श्यानदान पत्रिका’ के संवाददाता सुदीप दत्ता भौमिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स, (TSR) के कमांडेंट और एक कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया गया है.
बीजेपी ने जहां एक ओर सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुबह से शाम तक बंद करने को कहा और मुख्यमंत्री माणिक सरकार के इस्तीफे की मांग की, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने 24 घंटे के बंद का ऐलान किया और सीबीआई जांच की मांग की. बंद के चलते राज्य में दुकानें और बाजार बंद रहे और वाहन सड़क से नदारद दिखे. स्कूल, कॉलेज, बैंक और वित्तीय संस्थान भी बंद रहे और सरकारी दफ्तरों में कर्मियों की उपस्थिति कम दर्ज की गई.
पुलिस ने बताया कि राज्य में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और अबतक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. सत्तारूढ़ पार्टी का मुखपत्र ‘डेली देशेर कथा’ के अलावा अन्य सभी समाचारपत्रों ने हत्या की घटना के विरोध में अपने संपादकीय कॉलम को खाली छोड़ दिया.राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि हत्या की जांच के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी), सदर्न रेंज अरिंदम नाथ की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाले एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का बुधवार को गठन किया गया.
त्रिपुरा पत्रकार संघ के सचिव प्रणब सरकार ने बताया कि विरोध जताने के लिए टीवी चैनल प्रत्येक घंटे भौमिक की तस्वीर प्रसारित करेंगे. बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बिप्लब देब ने कहा, ‘हालांकि हम बंद की राजनीति के खिलाफ हैं लेकिन इस बार हम मजबूर हैं क्योंकि दो महीने के भीतर दो पत्रकारों की हत्या हुई है.’ सत्तारूढ़ सीपीएम ने इस बंद का विरोध किया और कहा कि पार्टियां पत्रकारों की हत्या का राजनीतिकरण कर रही हैं जबकि राज्य सरकार ने उचित कार्रवाई की है.