कोवैक्सिन के ट्रायल्स दिसंबर से पहले पूरे हो जाएंगे

  • भारत सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से प्रपोजल मांगे, कीमत और सप्लाई की जानकारी भी
  • भारत में सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स, मिलिट्री और अन्य ग्रुप्स को वैक्सीन उपलब्ध कराया जाएगा

कोरोनावायरस को काबू करने के लिए वैक्सीन बनाने की होड़ में रोज नए डेवलपमेंट्स आ रहे हैं। भारत ने भी इस दिशा में अपनी स्पीड बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत बायोटेक और आईसीएमआर की ‘कोवैक्सिन’ इसी साल के अंत तक मार्केट में आ जाएगी। वहीं, केंद्रीय एक्सपर्ट ग्रुप ने 50 लाख डोज का पहला ऑर्डर देने की तैयारी कर ली है। सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स, सुरक्षा बलों और अन्य ग्रुप्स को वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।

डब्ल्यूएचओ के कोविड वैक्सीन ट्रैकर डॉक्युमेंट के मुताबिक इस समय 30 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज में है। वहीं, 139 अन्य वैक्सीन प्री-क्लिनिकल फेज में है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), सिनोवेक (चीन), वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स/सिनोफार्म (चीन), बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स/ सिनोफार्म (चीन), मॉर्डना (अमेरिका) और फाइजर / बायोएनटेक/ फोसन फार्मा के वैक्सीन फेज-3 के ह्यूमन ट्रायल्स में हैं। यानी सबसे पहले इन छह कंपनियों के वैक्सीन ही मार्केट में अप्रूवल के बाद उपलब्ध होंगे।

सबसे पहले खबरें भारत से

  • स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन के असर का पता इसी साल के अंत तक चल जाएगा। उसके एक महीने बाद से उनका उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री का इशारा हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर की ओर से विकसित किए जा रहे कोवैक्सिन और जायडस कैडिला के वैक्सीन ZyCoV-D की ओर था।
  • स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है और वह भी समानांतर उत्पादन शुरू कर देगा। इससे इन वैक्सीन के मार्केट में आने में लगने वाले वक्त को घटाने में मदद मिलेगी। वहीं, भारत में विकसित हो रहे दोनों वैक्सीन वर्ष 2021 की पहली तिमाही में ‘रेडी टू यूज’ हो जाएगी।
  • हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय अभी वैक्सीन डोज खरीदने की योजना बना रहा है। आईसीएमआर ने भारत बायोटेक के साथ एमओयू साइन किया है ताकि वैक्सीन को उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जा सके। यदि सफल रहा तो यह वैक्सीन भारत सरकार को किफायती और रियायती दरों पर उपलब्ध होगी। इसी तरह के एग्रीमेंट के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से भी बातचीत चल रही है।
  • कोविड वैक्सीन पर बने एक्सपर्ट ग्रुप ने सोमवार को कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उनसे मैन्युफेक्चरिंग क्षमताओं के साथ-साथ सप्लाई चेन और डोज उपलब्ध कराने को लेकर प्रस्ताव मांगा है। साथ ही डोज की कीमत और वे सरकार से किस तरह से मदद चाहते हैं, यह भी बताने को कहा है।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक 50 लाख डोज का पहला ऑर्डर दिया जाएगा। इसके लिए प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बीच, आईसीएमआर के अधिकारियों ने यह सुझाव भी दिया कि इमरजेंसी परिस्थितियों को देखते हुए भारत में भी रूस और चीन की तर्ज पर जल्द से जल्द वैक्सीन को मंजूरी दिया जाए।