अब तो ऐसा लगने लगा है की बीजेपी ऐसी पार्टी बन गयी है जिसके साथ शामिल होकर आपके सारे पाप पुण्य में बदल सकते है, मतलब बीजेपी को ऐसी गंगा बना दिया है जिसमे नहाकर बुरा व्यक्ति अच्छा दिखने लगता है.तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद और शारदा घोटाले में आरोपी मुकुल रॉय के भाजपा ज्वाइन करते ही वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई. इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग बोले बीजेपी तो नेताओँ को पवित्र करने की मशीन है. इसमें जाते ही दागदार नेता के दाग धुलकर वो पवित्र होकर निकलता है.
ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले सांसद मुकुल रॉय ने शुक्रवार को ही भाजपा ज्वाइन की है. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में मुकुल रॉय से शारदा घोटाले मामले में पूछताछ की थी. इसके दो हफ्ते बाद ही मुकुल रॉय ने 25 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. 11 अक्टूबर को उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद ही मुकुल रॉय को केंद्र ने वाई प्लस सुरक्षा दी है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को संप्रग सरकार में रेल मंत्री रहे रॉय की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सशस्त्र सीआरपीएफ की एक टुकड़ी अगले कुछ दिन में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी. रॉय जब भी पश्चिम बंगाल में रहेंगे तो उनके साथ तीन से चार कमांडो होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर रॉय को यह सुरक्षा प्रदान की गई. सीआरपीएफ की एक विशेष वीआईपी सुरक्षा शाखा है और यह तकरीबन 70 विशेष लोगों की सुरक्षा करती है.
हाल में ही कश्मीर पर केंद्र की ओर से नवनियुक्त विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा को भी सीआरपीएफ कमांडो की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी.
ज्वाइन करते ही बीजेपी साम्प्रदायिक से धर्मनिरपेक्ष हो गई-
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मुकुल रॉय ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कहा था कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला है. पार्टी ज्वाइन करने के बाद मुकुल रॉय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि भाजपा के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी. 1998 में वह भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनीं. उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आएगी.