फेडरल रिजर्व के फैसले से फीकी पड़ी सोने-चांदी की चमक

नई दिल्ली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने का असर आज सोने और चांदी की कीमत पर भी पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की तर्ज पर ही आज भारत में भी सोने और चांदी की कीमत में कमजोरी का रुख बना हुआ है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर गोल्ड फ्यूचर 0.25 प्रतिशत की कमजोरी के साथ पिछले 7 महीने के सबसे निचले स्तर 49,321 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। इसी तरह सिल्वर फ्यूचर भी 0.4 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज 57,059 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गया।जानकारों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के चलते डॉलर इंडेक्स में तो मजबूती आई ही है, इसके कारण बॉन्ड यील्ड में भी उछाल आया है। अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड मजबूत होकर 4 प्रतिशत के स्तर को पार कर गए हैं। 2007 के बाद बॉडी यील्ड का यह सबसे ऊंचा स्तर है।

इसी तरह डॉलर इंडेक्स भी पिछले दो दशक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा हुआ है। इसकी वजह से सोने की कीमत पर दबाव बन गया है। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का स्पॉट प्राइस (हाजिर भाव) 1 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 1,656.97 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गया है। इसी तरह ग्लोबल मार्केट में चांदी का स्पॉट प्राइस (हाजिर भाव) 1.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19.26 डॉलर प्रति औंस रह गया है।

बाजार के जानकारों के मुताबिक सोने को पारंपरिक तौर पर महंगाई से बचाव के माध्यम के तौर पर देखा जाता रहा है। यही कारण है कि अर्थव्यवस्था में कमजोरी आने या महंगाई में बढ़ोतरी होने पर निवेशक सोने की खरीद बढ़ा देते हैं। लेकिन अमेरिका में बढ़ी महंगाई को काबू करने के लिए जिस तरह से फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है, उसके कारण सोने की होल्डिंग कॉस्ट में भी बढ़ोतरी हो गई है।माना जा रहा है कि होल्डिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी होने की वजह से अब सोने या चांदी में निवेश करना निवेशकों को लाभदायक नहीं लग रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने इस नकारात्मक माहौल का असर भारतीय सर्राफा बाजार में भी सोने चांदी के हाजिर सौदों (स्पॉट ट्रेडिंग) के दौरान कीमत में गिरावट के रूप में नजर आ रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर फ्यूचर ट्रेडिंग में भी सोने और चांदी की कीमत में गिरावट का रुख दिख रहा है।