नहीं थम रहा मुकेश खन्ना और गजेंद्र चौहान की आलोचना का सिलसिला

अब गजेंद्र बोले- “उनकी हरकतें देखकर असली पितामाह को भी शर्म आ जाएंगी”

बी आर चोपड़ा के पॉपुलर शो महाभारत का हिस्सा रहे वेटरन एक्टर्स मुकेश खन्ना और गजेंद्र चौहान के बीच अनबन थमने का नाम ही नहीं ले रही है। हाल ही में मुकेश खन्ना ने गजेंद्र चौहान को प्रोड्यूसर का चापलूस कहकर बुलाया था। अब इसका जवाब देते हुए गजेंद्र चौहान ने कहा कि किसी का सम्मान करने को चापलूसी समझ बैठे। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, गजेंद्र चौहान ने कहा कि उन्हें इस तरह की टिप्पणी करने पर शर्म आनी चाहिए।

मुकेश जी ने बहुत बड़ी गलतफहमी पाली है:

सबसे पहले तो उन्होंने मुझे धर्मराज की जगह अधर्म-राज कहा जोकि बहुत गलत है। पहली बात तो ये है कि मैं धर्मराज हुं ही नहीं, मैंने तो बस एक किरदार निभाया जिसे लोगों ने पसंद किया और अपनाया। साथ ही ‘महाभारत’ किसी एक कलाकार या किसी एक किरदार के बलबूते नहीं चली। उसका हर किरदार अहम् था। मुकेश जी को लगता है कि उनके बिना महाभारत शो अधूरा रह जाता था, उन्होंने ये बहुत बड़ी गलतफहमी पाली है।

बुजुर्ग अगर मर्यादा तोड़ने लगे तो फिर सहन नहीं किया जा सकता:

वो एक बुजुर्ग हैं। हमारे संस्कार के मुताबिक हमें बुजुर्गों को जवाब नहीं देना चाहिए लेकिन वो मुझे मजबूर कर रहे हैं ये सब करने के लिए। ये आज की पीढ़ी को सीखा रहे हैं कि बुजुर्गों को जवाब देना चाहिए जोकि मेरी मर्यादा के खिलाफ है लेकिन बुजुर्ग अगर मर्यादा तोड़ने लगे तो फिर सहन नहीं किया जा सकता।

वो बहुत झूठ बोलते हैं:

मेरी चैयरमैनशिप पर उन्होंने उंगली उठाई है और मुझ पर गलत आरोप भी लगाए। मैंने कभी उनसे किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं मांगा था वे खुद ही आगे बढ़कर समर्थन देते थे। वो बहुत झूठ बोलते हैं।

हम सब रवि चौपड़ा जी का सम्मान करते थे:

मुकेश जी ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैं प्रोड्यूसर की चापलूसी करता था। उन्हें शर्म आना चाहिए इस तरह का गलत आरोप लगाकर। वे रवि चोपड़ा का नाम लेकर पब्लिसिटी बटोर रहे हैं। मैंने कभी किसी की चापलूसी नहीं की। जिसे वे चापलूसी का नाम दे रहे हैं उसे सम्मान कहा जाता हैं। हम सब रवि चौपड़ा जी का सम्मान करते थे।

इनकी हरकतें देखकर असली पिता माह को भी शर्म आ जाएगी:

जब वे ‘शक्तिमान’ कर रहे थे तब शो के डायरेक्टर ने मुझे बुलाकर कहा था कि आपको ये रोल करना पड़ेगा, मैं नहीं गया था काम मांगने। आज तक काम मांगने की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन यदि मांगना भी पड़े तो मुझे कभी शर्म नहीं आएगी। काम मांगना भीख मांगना नहीं है। इनकी हरकतें देखकर असली पिता माह को भी शर्म आ जाएगी। उन्होंने महाभारत की महाकाव्य पढ़ी लेकिन कभी समझ नहीं पाए। वो लोगों के काम की आलोचना करते हैं फिर चाहे वो एकता कपूर, रोनित रॉय हो या कपिल शर्मा, उन्हें ये करने का अधिकार किसने दिया हैं?

मुकेश जी ने भी अपने कुछ सीरियल पास करवाने के लिए मुझे कॉल किया था:

मुकेश जी ने मेरे राजनीतिक करियर पर भी टिप्पणी की। वे कौन होते हैं ये सब बोलने वाले? मैं इनको बता दूं कि मैं 6 साल तक राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रकाश का कन्वेयर था। उसके बाद मैं नेशनल काउंसिल का सदस्य था फिर तीन-तीन साल के 2 टर्म में मैं नेशनल कमेटी ऑफ बीजेपी का सदस्य बना। फिर FTI चेयरमैन बना और पिछले साल DD किसान की सिलेक्शन कमेटी को बतौर चेयरमैन ज्वाइन किया। मुकेश जी ने भी अपने कुछ सीरियल पास करवाने के लिए मुझे कॉल किया था लेकिन मैंने उनसे कहा कि सीरियल सिर्फ मेरिट के आधार पर पास होंगे। उनको इसका गुस्सा था जो आज निकाल रहे हैं।