सुशील मोदी को बयान देने के अलावा कोई काम नहीं आता : मंत्री श्याम रजक

जेडीयू कोटे के मंत्री श्याम रजक ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव पर हमला बोला है. उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव में पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा, सुशील मोदी को सिर्फ राजेन्द्र नगर ही नजर आता है और बयान देने के अलावा उनका कोई काम नहीं.

और नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ के हालात हैं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनपुन, अरवल, जहानाबाद और नालंदा सहित बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का एरियल सर्वे किया. वहीं, जमीन पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य को लेकर बीजेपी-जेडीयू के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. जेडीयू कोटे के मंत्री श्याम रजक ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव पर हमला बोला है.

सुमो और नंद किशोर यादव पर बरसे श्याम रजक 
श्याम रजक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव में पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि सुशील मोदी को सिर्फ राजेन्द्र नगर ही नजर आता है और उन्हें बयान देने के अलावा कोई काम नहीं. वहीं उन्होंने पटना जिला के प्रभारी मंत्री नंद किशोर यादव पर कहा कि उन्हें पटना सिटी को छोड़कर किसी और क्षेत्र की चिंता नहीं है. पुनपुन और बाकी इलाकों से किसी को कोई मतलब नहीं.

पुनपुन में उफान से बिफरे नीतीश के मंत्री

बता दें कि पुनपुन नदी में उफान के कारण दक्षिणी पटना में बाढ़ के हालात हैं. मोहल्लों में जलभराव की भयावह स्थिति है और ग्रामीण क्षेत्र में भी भारी जलजमाव से जीवन दूभर हो गया है. इस रास्ते से होकर गुजरने वाली पटना-गया रेलखंड पर इस वजह से ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है.

बीजेपी ने श्याम रजक के आरोपों पर किया पलटवार
जेडीयू नेता के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. पार्टी के विधायक नितिन नवीन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहली जवाबदेही हम लोगों की है, हम उसे स्वीकारते हैं. साथ ही JDU के नेताओं को ज़ुबानी जंग के बजाए काम करना चाहिए. मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं चीजें किन्हीं कारणों से हुईं हैं लेकिन यदि मैं मुह खोल दूंगा तो वो (जेडीयू) लोग परेशानी में पड़ जाएंगे.

पूरे मामले की जांच होनी चाहिए- बीजेपी
नितिन नवीन ने कहा कि योजनाओं की मॉनिटरिंग सही ढंग से नहीं हुई थी. नालों की सही तरीके से उड़ाही (सफाई) नहीं हुई थी. जो अधिकारी इस काम के लिए बैठे थे उन अधिकारियों ने काम नहीं किया. आज गाली हम लोगों को सुनना पड़ रहा है. पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.