सुप्रीम कोर्ट ने गणपति उत्सव की नहीं दी इजाजत, कहा- भीड़ को काबू करना मुश्किल

जैन भक्तों को मुंबई के तीन मंदिरों में जा कर 22, 23 अगस्त को पर्यूषण पूजा करने की अनुमति दी गई है. लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के लिए बनाए गए गाइडलाइंस को मानना पड़ेगा.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार से शुरू हो रहे गणेश चतुर्थी के मौके पर किसी भी तरीके के उत्सव आयोजित करने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मौके पर भीड़ को काबू करना मुश्किल चुनौती होगी. बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश भर में इन दिनों मंदिर में बड़े कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं. इस बीच जैन भक्तों को मुंबई के तीन मंदिरों में जा कर 22, 23 अगस्त को पर्यूषण पूजा करने की अनुमति दी गई है. लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के लिए बनाए गए गाइडलाइंस को मानना पड़ेगा.

खुलेंगे जैन मंदिर
मुंबई के दादर, बाइकुला और चेंबूर के जैन मंदिर में भक्तों को जाने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दी है. करोना के गाइडलाइंस के मुताबिक मंदिर में जाने की अनुमति होगी.  लेकिन सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये आदेश गणेश महोत्सव जैसे त्योहार पर लागू नहीं होगा क्योंकि उनको कंट्रोल करना मुश्किल होता है.

क्या कहा कोर्ट ने
करोना के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार के विरोध करने पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि जब मॉल या ऐसे किसी चीज को खोलने के बात होती है जहां से पैसा आए तो सरकार पीछे नहीं हटती. लेकिन धार्मिक स्थल में अनुमति देने में परेशानी होती है. कोर्ट ने ओड़िशा के जगन्नाथ यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि वह कितने अच्छे से हुआ.

भीड़ कंट्रोल करना मुश्किल
हालाकि कोर्ट ने ये भी कहा कि ये आदेश फिलहाल सिर्फ जैन त्योहार के लिए है जहां ज़्यादा भीड़ नहीं होती. ये आदेश किसी और त्योहार जैसे गणेश उत्सव के लिए नज़ीर नहीं बनेगा क्योंकि उनको कंट्रोल करना मुश्किल होता है. कोर्ट ने कहा कि अन्य त्योहारों के लिए हालात को देखते हुए केस टू केस बेसिस पर फैसला लिया जाएगा.