वाजपेयी सरकार को गिराने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने बजाया मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल

नई दिल्ली। सुब्रमण्यम स्वामी के बारे में जगजाहिर है कि वह जिससे दुश्मनी मोल लेते हैं, उसे धराशायी करके ही मानते हैं। स्वामी वहीं शख्स हैं जिन्होंने 1998 में जयललिता और कांग्रेस को साथ लाकर वाजपेयी सरकार गिरा दी थी। क्या स्वामी अब मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल बजाने जा रहे हैं।

यह सवाल तब उछलना शुरू हुआ जब उन्होंने मोदी सरकार पर आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर आर्थिक नाकामी छुपाने का आरोप लगाया है।  सनसनीखेज दावा राज्‍यसभा सदस्‍य सुब्रमण्यम स्वामी ने सरका पर केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने के लिए दबाव बनाया था, जिससे यह दिखाया जा सके कि नोटबंदी का अर्थव्‍यवस्‍था और जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्‍होंने इन आंकड़ों को फर्जी बताया है।

स्‍वामी के इस आरोप से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुब्रमण्‍यन स्‍वामी शनिवार को अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट के एक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर सीएसओ के अधिकारियों पर अच्‍छे आंकड़े देने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, ‘कृपा करके जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं। वे सब फर्जी हैं। यह बात मैं आपको कह रहा हूं, क्‍योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्‍थापना की थी। हाल ही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था। उन्‍होंने सीएसओ अधिकारियों को आदेश दिया, क्‍योंकि नोटबंदी पर आंकड़े देने का दबाव था। इसलिए वह जीडीपी के ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा। मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं, क्‍योंकि मुझे पता है कि इसका प्रभाव पड़ा है। मैंने सीएसओ के निदेशक से पूछा था कि आपने उस तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों का अनुमान कैसे लगाया था जब नोटबंदी का फैसला (नवंबर 2016) लिया गया था?’ बकौल स्‍वामी, सीएसओ निदेशक ने बताया कि वह क्‍या कर सकते हैं? वह दबाव में थे। उनसे आंकड़े मांगे गए और उन्‍होंने दे दिए। स्‍वामी ने बताया कि ऐसे में तिमाही आंकड़ों पर भरोसा न करें।

सुब्रमण्‍यन स्‍वामी का यह बयान ऐसे समय आया है जब वित्‍त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी और जीएसटी के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर जताई आशंका को खारिज कर चुके हैं। उन्‍होंने सितंबर 2017 में आर्थिक विकास की दर के 6.3 प्रतिशत रहने का भी हवाला दिया था। जून में यह 5.7 रहा था। स्‍वामी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से कहा कि मूडीज, फिच जैसों पर कतई विश्‍वास न करें। आप पैसे देकर उनसे आंकड़े हासिल कर सकते हैं। मालूम हो कि मूडीज ने हाल में ही भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया है।