अतिवृष्टि से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ : शिवराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले 48 घंटों में निरंतर बारिश के कारण प्रदेश के मध्य और पूर्वी भाग में भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, जबलपुर वर्षा ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। कई स्थानों पर नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कुछ गाँवों में जलभराव की स्थिति बनी है। मैं स्वयं कल से लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हूँ। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ है। हम राहत और बचाव के कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अतिवृष्टि से जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा।

मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को प्रदेश में जारी वर्षा, विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति और चल रहे राहत कार्यों की निवास कार्यालय पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बैठक के बाद मीडिया को दिए संदेश में बताया कि उन्होंने रात को मंत्रालय स्थित स्टेट सिचुएशन रूम पहुँचकर प्रदेश की स्थिति का जायजा लिया। जिलों के कलेक्टर्स से वर्षा की स्थिति की जानकारी ली तथा बचाव और राहत कार्य के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में हमने गाँवों से पानी के बीच घिरे 400 से अधिक व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है। लगभग 2300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। हमने एयरलिफ्टिंग की व्यवस्था के लिए एक हेलीकॉप्टर रवाना कर दिया है और दूसरा हेलीकॉप्टर आ रहा है। इसके अतिरिक्त तीसरा हेलीकॉप्टर भी बुलवाया गया है। निचले स्थानों पर बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान भोपाल नगर में स्थिति का जायजा लेने स्वयं रात को निकले। उन्होंने अतिवर्षा से उत्पन्न विद्युत समस्याओं को हल करने विद्युत मंडल के कर्मचारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही का सिविल लाइंस में अवलोकन किया और कर्मचारियों की सजगता और कठिन परिस्थितियों में कर्तव्य निर्वहन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में प्रभावित जिलों से वर्चुअली जुड़कर हर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

उन्होंने प्रदेशवासियों से धैर्य और संयम से काम लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में निकल रहे हैं। प्रदेशवासी धैर्य रखें, जल्द ही संकट की इस घड़ी से प्रदेश बाहर निकलेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि लगातार बारिश होने से बांध लबालव भरे हैं और कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। विदिशा जिले में बेतवा नदी और बेतवा की सहायक नदियाँ उफान पर हैं, कई गाँव घिरे हुए हैं। गुना में पार्वती नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और वहीं नर्मदा जी में कई स्थानों पर जल स्तर कम हो रहा है, लेकिन नेमावर जैसे स्थानों पर बढ़ भी रहा है।

उन्होंने कहा कि अकेले विदिशा जिले में ही 18 राहत शिविरों में 1200 लोग रूके हुए हैं। लगातार आवश्यक व्यवस्थाएँ करने के प्रयास जारी हैं। विदिशा में कई गाँवों में रेस्क्यू ऑपरेशन भी चल रहे हैं। विदिशा और गुना जिले के 25 गाँव बाढ़ से घिरे हुए हैं। इनमें से 10 गाँवों के लोंगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिप्ट किया जा रहा है। राजगढ़ जिले में राहत शिविरों में 500 लोगों को ठहराया गया है। कालीसिंध, पार्वती, चंबल नदियों पर हम निरंतर नजर रखे हुए हैं। नर्मदापुरम में एनडीआरएफ की दो, विदिशा में दो, जबलपुर में एक, सीहोर में एक, भोपाल और गुना में एक-एक टीम और एसडीआरएफ की विदिशा में चार, राजगढ़ में दो, गुना में तीन टीमें बोट के माध्यम से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। आगर-मालवा, रतलाम और शाजापुर जिले में भी लगातार नजर रखी जा रही है।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने विदिशा, राजगढ़ और गुना जिले के अधिकारियों से भी स्थिति की जानकारी ली।