स्मार्ट सिटी घोटाला: शिवराज सरकार में हुआ स्मार्ट सिटी घोटाला! EOW ने शुरू की जांच

भोपाल. मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार  में शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुए घोटालों का एक के बाद एक खुलासा हो रहा है. ई-टेंडर (E-Tender), सिंहस्थ, पौधारोपण और एमसीयू के बाद अब ईओडब्ल्यू ने स्मार्ट सिटी में हुए घोटाले की शिकायत को रजिस्टर कर जांच शुरू कर दी है. इस घोटाले में सीनियर आईएएस विवेक अग्रवाल और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए एक विशेष कंपनी को 300 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था.

इनके खिलाफ दर्ज की शिकायत
ईओडब्ल्यू (EOW) ने अब उस शिकायत को भी दर्ज कर लिया है, जिसमें स्मार्ट सिटी में घोटाला होने की कई अहम जानकारी और सबूत हैं. शिकायत में सीधे नगर प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव रहे विवेक अग्रवाल और उनके बेटे वैभव अग्रवाल पर गंभीर आरोप हैं. बेटे को आर्थिक फायदा पहुंचाने के आरोप में ईओडब्ल्यू ने शिकायत की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि शिकायत की प्राथमिक जांच में कई अहम सबूत मिले हैं. इन सबूतों से सिद्ध हो रहा है कि स्मार्ट सिटी के तीन सौ करोड़ के टेंडर में गड़बड़ी तो हुई है. ईओडब्ल्यू टेंडर में टेंपरिंग से लेकर विभाग से तमाम दस्तावेजों को मांगा है.

ईओडब्ल्यू डीजी सुशोभन बनर्जी ने कही ये बात
ईओडब्ल्यू डीजी सुशोभन बनर्जी ने कहा कि नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव रहते हुए स्मार्ट सिटी के लिए डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी के सेंटर बनाने के लिए तीन सौ करोड़ का टेंडर जारी हुआ था. शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि अपने बेटे वैभव को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए एक विशेष कंपनी को टेंडर जारी किया गया. जबकि बीएसएनएल ने सबसे कम का टेंडर भरा था.

ये है पूरा मामला?
>>नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में HPE कंपनी को 300 करोड़ का टेंडर मिला था.
>>एचपीई कंपनी के अलावा भी बीएसएनएल ने 250 करोड़ का टेंडर डाला था.
>>एचपीई कंपनी के पास स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर कोई अनुभव नहीं था.
>>300 करोड़ का टेंडर मिलने से छह दिन पहले कोलकाता में एचपीई कंपनी और पीडब्ल्यूसी >>कंसलटेंट कंपनी के बीच एक साथ काम करने का करार हुआ था.
>>पीडब्ल्यूसी कंसलटेंट कंपनी के सीनियर अधिकारी विवेक अग्रवाल के बेटे हैं वैभव.

कई टेंडर संदेह के घेरे में
स्मार्ट सिटी में अभी तीन सौ करोड़ के एक ही टेंडर की जांच हो रही है, इसके
अलावा भी कई ऐसे टेंडर हैं, जो संदेह के घेरे में आ गए हैं. जैसे-जैसे इस टेंडर की जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे कई बड़े खुलासे स्मार्ट सिटी के कामकाज को लेकर होने की संभावना है.