कमलनाथ जी के सज्जन कर रहे है सिंधिया पर ‘काउंटर फायर’, जानिए इसकी क्या है इनसाइड स्टोरी..

ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार मध्यप्रदेश की सरकार पर हमला कर रहे हैं। अब उन्हें जवाब भी मिलने लगा है। सरकार की तरफ सिंधिया को काउंटर वरिष्ठ मंत्री सज्जन सिंह वर्मा कर रहे हैं। हालांकि सिंधिया खेमे के लोग अभी इस पर शांत हैं। लेकिन सवाल है कि क्या सज्जन सिंह वर्मा खुद से ज्योतिरादित्य जैसे कद्दावर नेता पर हमला कर रहे हैं या फिर किसी के इशारे पर वह अटैक कर रहे हैं। मंत्री सज्जन को सीएम कमलनाथ का करीबी माना जाता है।

सिंधिया कर्जमाफी को लेकर लगातार कमलनाथ की सरकार पर हमलावर रहे हैं। सिंधिया के आरोपों पर सीएम कमलनाथ भी हां में हां मिला चुके हैं। लेकिन सीएम खेमे के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सिंधिया पर फिर से काउंटर फायर किया है। कांग्रेस भले ही इसे सज्जन की सज्जनता मान रही हो लेकिन सियासी मायने तो इसके अलग ही हैं। वर्मा ने कर्जमाफी को लेकर कहा कि सिंधिया जी विदेश में रहते हैं, इसलिए शायद उन्हें जानकारी नहीं है।

बाला के बाद भूरिया को बनाया ‘ब्रेकर’
दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस में जो लड़ाई है, वो तीन दिग्गजों के बीच पावर को लेकर है। उनमें से एक दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास जैसे ही पावर शिफ्ट होने की बात होती है तो दो एकजुट हो जाते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के लिए जब सिंधिया खेमा जबरदस्त दावेदारी जता रही थी। तब मध्यप्रदेश कांग्रेस के दो और खेमों ने अपने-अपने दावेदारों के नाम आगे कर दिया था। कमलनाथ खेमे से मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ही गृह मंत्री बाला बच्चन का नाम आगे किया था तो दिग्विजय सिंह खेमे से अजय सिंह का नाम आगे चल रहा था। लेकिन झाबुआ उपचुनाव तक आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला नहीं लिया।

अब जब लगता है कि इस पर जल्द ही कोई फैसला होने वाला है। मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बाला बच्चन के बाद कांतिलाल भूरिया को ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह में ब्रेकर बना दिया। वर्मा ने कहा है कि कांतिलाल भूरिया प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं। सिंधिया को उन्होंने रेस में नहीं बताया। जबकि भूरिया के लोग उन्हें उपमुख्यमंत्री के रूप में पेश कर रहे हैं। उपचुनाव के दौरान झाबुआ में इसकी चर्चा भी खूब थी।

क्या है पीछे की कहानी

जानकार मानते हैं कि सज्जन सिंह वर्मा सिंधिया पर खुद ही हमला नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें इसके लिए छोड़ा गया है। यहीं वजह है कि वो लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला कर रहे हैं। क्योंकि सिंधिया भी लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं, ऐसे में एक रणनीति के तहत सज्जन वर्मा को आगे किया गया है। इसके पीछे मंशा है कि अगर सिंधिया को जवाब उसी अंदाज मिलेगा तो वो खुद ही पीछे हट जाएंगे।

सिंधिया को रोकने की है कवायद
दरअसल, मध्यप्रदेश में जब भी सिंधिया सक्रिय होते हैं तो दो गुट उन्हें रोकने की तैयारी शुरू कर देती है। उस रणनीति के तहत ही अब कांतिलाल भूरिया का नाम आगे किया है। इसके पीछे की वजह ये है कि न कमलनाथ और न ही दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि सिंधिया मध्यप्रदेश में पावर सेंटर बनें। लेकिन सज्जन के इस अटैक पर सिंधिया खेमा अभी तक खामोश है तो इसके भी मयाने निकाले जा रहे हैं।

क्या कमजोर पड़ रहा सिंधिया खेमा
कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के चार से ज्यादा मंत्री हैं। अभी तक ये लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मांगते रहे हैं। लेकिन सज्जन सिंह वर्मा के वॉर के बाद सभी लोग खामोश हैं। ऐसे में सियासी हलकों में ये मायने भी निकाले जा रहे हैं कि क्या सिंधिया का खेमा कमजोर हो रहा है। क्योंकि दिल्ली में भी सोनिया गांधी की वापसी के बाद सिंधिया कमजोर हुए हैं। साथ ही झाबुआ की जीत से एमपी में कमलनाथ मजबूत हुए हैं।