शिवराज सरकार पर लगे नर्मदा यात्रा में 18 करोड़ के घोटाले के आरोप

विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में शिवराज सरकार में नर्मदा संरक्षण के नाम पर हुई नर्मदा यात्रा में घोटाले की बात निकलकर सामने आ रही है. कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में यात्रा पर किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं मिलने पर आपत्ति जाहिर की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नर्मदा यात्रा पर 21 करोड़ रुपए बिना अनुमति खर्च किए गए जिसमें से 18 करोड़ के खर्च का हिसाब किताब गायब है. रिपोर्ट में ये भी बात सामने आई है कि खर्च के लिए जन अभियान परिषद ने नियमों के तहत मंजूरी भी नहीं ली थी. इस खुलासे के बाद अब कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को जांच की चुनौती दे दी है.

इन ज़िलों से होकर निकली थी नर्मदा यात्रा
तब की बीजेपी सरकार में नर्मदा यात्रा 16 जिलों से होकर निकली थी और इसमें नर्मदा संरक्षण के बड़े-बड़े दावे किए गए थे. ये यात्रा अलीराजपुर, धार, खरगोन, देवास, सीहोर, रायसेन, डिंडोरी, अनूपपुर, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, बड़वानी और खरगोन ज़िलों से होकर निकली थी. यात्रा के दौरान जनअभियान परिषद की ओर से किए गए खर्च को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

आमने-सामने बीजेपी-कांग्रेस
कैग रिपोर्ट के बाद इस मामले में अब बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गए हैं. कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल की मानें तो कैग की रिपोर्ट बताती है कि यात्रा में किस तरह जनता के पैसों की बरबादी हुई. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई ज़रूर होगी. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि सरकार कैग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.