संकट में आत्मनिर्भरता का अवसर, मेडिकल डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग बनना चाहिए : कमलनाथ

इसे लॉ एण्ड आर्डर की समस्या की तरह नहीं किया जा सकता डील
कोविड ने दुनिया को दहला दिया है। विकसित देश भी इसके सामने असहाय बन गए हैं। यह समय गंभीरता के साथ एक ऐसी चिकित्सीय और आपदा प्रबंधन प्रणाली बनाने का है, जो जनता को सुरक्षित और तंत्र को व्यवस्था बनाने में मदद कर सकेे। हमें यह समझना होगा कि यह एक मेडिकल प्रॉब्लम है। इसे ला एंड ऑर्डर की समस्या की तरह डील नहीं कर सकते।

देश में प्रत्येक राज्य को मेडिकल डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग का गठन करना चाहिए,
मध्य प्रदेश को रिइन्वेंट करने के लिए मैंने एक सोच सामने रखी थी। वह यह है- प्रदेश का भौगोलिक नुकसान है कि हम कहीं पर भी समुद्र से नहीं जुड़े हैं, लेकिन यह हमारी ताकत बन सकती है। देश की 65% आबादी तक प्रदेश पहुंच रखता है। हम उसे लॉजिस्टिक हब बना सकते हैं। हमें राजस्व के नए क्षेत्र विकसित करने होंगे।
यदि भंडारण के क्षेत्रों को विकसित करते हैं तो जीएसटी के दौर में प्रदेश में बहुत सारे लोग आ सकते हैं, क्योंकि वह यहां पर भंडारण करके लॉजिस्टिक काॅस्ट घटा सकते हैं, सप्लाई चेन ज्यादा एफिसिएंट बना सकते हैं। बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। एक समग्र नीति रोजगार पर बनानी पड़ेगी।

हमने सोचा था कि नए उद्योगों में 70% रोजगार मूल निवासियों को दें। कौशल विकास एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नए अवसरों को पहचानना पड़ेगा। प्रदेश को रूपांतरित करने के लिए हमें अपने हाथों को कुशल बनाना पड़ेगा। इस जरूरत को हम जितनी जल्दी समझेंगे, उतना ही प्रभावी मध्यप्रदेश हम बना पाएंगे।

  • 8 लाख मजदूर मप्र लौटे हैं। ये दर्शाता है कि बीते 15 साल में मजदूरों का ही उत्पादन हुआ है।
  • मेरे सुझाव पर छिंदवाड़ा में मक्के की खेती हुई, आज यह जिला प्रदेश में अव्वल बना है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईटी हब, फार्मा उद्योग, आदि क्षेत्रों में युवाओं को भविष्य दे सकते हें।