SC का फैसला अयोध्या में राम मंदिर का हो निर्माण, मुख्यमंत्री जी ने कहा- आज अमन व मोहब्बत का पैगाम फैलाएं

भोपाल. अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या केस पर फैसला सुनाया है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली कमेटी ने फैसला सुनाते हुए कहा- केन्द्र सरकार मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और इसकी योजना 3 महीने में तैयार की जाए। वहीं, कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन आवंटित की जाए। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवादित स्थान को जन्मस्थान मानते हैं, लेकिन आस्था के अनुसार मालिकाना हक तय नहीं किया जा सकता। वहीं, मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

क्या कहा सीएम ने
सीएम कमल नाथ ने कहा- अयोध्या मामले पर फ़ैसला आ चुका है। एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फ़ैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान व आदर करें। किसी प्रकार के उत्साह ,जश्न व विरोध का हिस्सा ना बने। अफ़वाहों से सावधान व सजग रहे। किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आवे। आपसी भाईचारा , संयम , अमन-चैन ,शांति , सद्भाव व सोहाद्र बनाये रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। सरकार प्रदेश के हर नागरिक के साथ खड़ी है।क़ानून व्यवस्था व अमन-चैन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख़्शा नहीं जावेगा।

पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख़्ती से कार्यवाही के निर्देश पूर्व से ही दिये जा चुके है। यह प्रदेश हमारा है , हम सभी का है , कुछ भी हो , हमारा प्रेम , हमारी मोहब्बत , हमारा भाईचारा , हमारा आपसी सोहाद्र ख़राब ना हो , यह हम सभी की ज़िम्मेदारी है। आज आवश्यकता है अमन व मोहब्बत के पैग़ाम को सभी तक फैलाये , नफ़रत व वैमनस्य को परास्त करे।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
मुख्य न्यायधीश ने कहा- हम सर्वसम्मति से फैसला सुना रहे हैं। इस अदालत को धर्म और श्रद्धालुओं की आस्था को स्वीकार करना चाहिए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने करीब 45 मिनट में एक-एक कर पूरा फैसला पढ़ा। कोर्ट ने कहा- 1856-57 तक विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने के सबूत नहीं है। उधर हिंदू इससे पहले अंदरूनी हिस्से में भी पूजा करते थे।