सरकारी नौकरी में इस बदलाव के साथ बेरोजगारी दूर करेगी कमलनाथ सरकार

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार वर्दीधारी और छोटे पदों पर भर्ती की अधिकतम आयु में बदलाव करने का मूड बना चुकी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. पुलिस विभाग (Police Department) और वन विभाग के राज्य कर्मचारियों के पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष करने की तैयारी की जा रही है. महिलाओं और आरक्षित वर्ग के लिए आयु सीमा 38 वर्ष होगी. साथ ही 2 साल की जगह पर नौकरी 3 साल के लिए पक्की की जाएगी. प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा.

बेरोजगारी पर ब्रेक

बेरोजगारी (Unemployment) पर ब्रेक लगाने भर्ती प्रक्रिया की अधिकतम आयु सीमा में बदलाव कर कमलनाथ सरकार अपना एक और वचन निभाने की प्लानिंग में है. इस प्रस्ताव से ना केवल राज्य के युवाओं का भला हो सकेगा बल्कि दूसरे राज्य के बेरोज़गार भी मध्यप्रदेश का रूख करेंगे. इससे पहले 5 जून 2017 को तत्कालीन शिवराज सरकार ने आयु सीमा में बदलाव किया था. इसमें मध्यप्रदेश के निवासी को 5 साल की छूट देकर वर्दीधारी पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष की थी. बाहर के लोगों के लिए अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष यथावत रखी थी.

मंत्री ने कहा- नहीं होगा भेदभाव
इस पर हाईकोर्ट का कहना था कि सरकार प्रदेश के मूल निवासी और बाहरी उम्मीदवारों की भर्ती आयु में अंतर नहीं कर सकती. तब से यह मामला अटका हुआ था. हाल ही में विभाग ने वर्दीधारी पदों की आयु पहले की तरह 28 वर्ष करने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे जीएडी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने खारिज कर दिया. मंत्री का कहना था कि कांग्रेस हर हाल में अपने वचन को निभाएगी और इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा.

प्रदेश के युवा नौकरी के लिए ओवरएज हो चुके हैं

वहीं बीजेपी इस प्रस्ताव पर फिर हमलावर हो गई है. बीजेपी की माने तो ये प्रदेश के बेरोज़गारों के साथ अन्याय है. सरकार को प्रदेश के बेरोज़गारों को पहले प्राथमिकता से लेना चाहिए. सत्ताधारी सरकार का फोकस जहां अपने हर वचन को पूरा करने की ओर है, वहीं विपक्ष राज्य के युवाओं के लिए आवाज़ बुलंद करने में लगा है. ऐसे में सरकार का तर्क है कि प्रदेश के युवा नौकरी के लिए ओवरएज हो चुके हैं और सरकार अब उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी.