मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने क्यों कांतिलाल भूरिया को MPCC का अध्यक्ष बनाने की मांग की, जानिए..

पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने झाबुआ विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वे पहले इस पद पर रह चुके हैं, इससे सत्ता और संगठन का समन्वय भी बेहतर होगा. दरअसल प्रदेश में सबसे ज्यादा 31 विधायक आदिवासी हैं  औक प्रदेश में अकसर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जाती रही है. झाबुआ जीत के साथ ही प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब एक और वरिष्ठ नेता हो गए हैं जो पार्टी की परेशानी बढ़ा सकते हैं, इसलिए उन्हें एडजस्ट करना भी ज़रूरी है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि कांतिलाल भूरिया की आस मंत्री पद पाने की थी.

भूरिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग


झाबुआ से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में नया बवाल शुरू हो गया है. मंत्रिमंडल में शामिल होने की आस लगाए कांतिलाल भूरिया को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष मनाने की मांग कर दी गई है. पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. उन्होंने कहा कि वे सीएम कमलनाथ से भी आग्रह कर चुके हैं कि पहले भी कांतिलाल भूरिया कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं, सारे लोगों से सामांजस्य बिठाकर कार्य करने की उनकी अनोखी शैली है. यदि कांतिलाल भूरिया अध्यक्ष बन जाते हैं तो सत्ता और संगठन का तालमेल अच्छे से चलेगा, जिससे 5 साल तो सरकार चलेगी ही और 5 साल बाद फिर कांग्रेस सरकार बना पाएगी.

सज्जन सिंह वर्मा का तर्क
सज्जन सिंह वर्मा ने तर्क दिया कि उन्होंने पहले भी कहा था कि 30 आदिवासी विधायकों को दम पर एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी है, इसलिए बाला बच्चन को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाय लेकिन अब कांतिलाल भूरिया के जीतने के बाद 31 आदिवासी विधायक हो गए हैं और बाला बच्चन से बड़े नेता कांतिलाल भूरिया है इसलिए अब कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस की कमान दे दी जाए.


कांतिलाल भूरिया के चुनाव जीतने से पहले ही सोशल मीडिया पर उनके गृह मंत्री से लेकर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठने लगी थी और जैसे ही वो चुनाव जीते कांग्रेस में खलबली मच गई क्योंकि कांग्रेस में दिग्विजय, सिंधिया के बाद अब एक और ध्रुव तैयार हो गया. ऐसे में कांतिलाल भूरिया को एडजेस्ट करने की कवायदें शुरू हो गईं हैं. कांतिलाल भूरिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साध सकती है. एक आदिवासी नेता को तव्वजो मिल जाएगी और दूसरी पार्टी में सुलग रही आदिवासी मुख्यमंत्री की आग भी ठंडी पड़ जाएगी.