भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ रासुका की कार्रवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही दी थी ज़मानत

चंद्रशेखर की एक तस्वीर वायरल हो रही है इस तस्वीर में चंद्रशेखर एक कमजोर आदमी की तरह दिख रहा है. रौब से चलने वाला ये नौजवान आज व्हीलचेयर पर है. इस तस्वीर को देखकर सोशल मीडिया पर सामाजिक न्याय के योद्धाओं ने सरकार की आलोचना शुरू कर दी. वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक दिलीप मंडल लिखते हैं कि-

शंबूक तो हर युग में मारा जाएगा. अध्ययन करने की उसकी हिम्मत कसे हुई. एकलव्य का अंगूठा तो कटकर रहेगा. वह स्पोर्ट्स का चैंपियन कैसे बन सकता है. रोहित वेमुला को मरना ही होगा. पीएचडी एंट्रेंस का टॉपर होने की उसकी हिम्मत कैसे हुई.

सहारनपुर में हिंसा फैलाने के आरोप में जेल में बंद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण पर सहारनपुर पुलिस ने रासुका की कार्रवाई की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि रासुका की यह कार्रवाई पहले से ही चल रही थी और अब जिलाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को रासुका में निरुद्ध किया गया है. जिला जेल में इसको शुक्रवार को तामील भी करा दिया.

rasuka proceeding applied on the famous dalit leader chandrashekhar

चंद्रशेखर उर्फ रावण और भीम आर्मी सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद से ही चर्चा में आए थी. गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चंद्रशेखर उर्फ रावण को जमानत दे दी थी. कुमार ने बताया कि सहारनपुर में गत 9 मई को हुई जातीय हिंसा में आठ स्थानों पर भीम आर्मी के सदस्यों ने उत्पात मचाते हुए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी.

इस मामले में पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर सहित कई पदाधिकारियों को नामजद करते हुए थाना देहात कोतवाली में मुकदमे दर्ज किए थे. पुलिस ने भीम आर्मी के पदाधिकारियों को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था जबकि चंद्रशेखर फरार हो गया था. चंद्रशेखर को एक माह बाद हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. तब से ही चंद्रशेखर सहारनपुर जेल में बंद है.

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में जातीय हिंसा को लेकर पुलिस ने चंद्रशेखर को मुख्य आरोपी बनाया था. बाद में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उन्हें हिमाचल प्रदेश से गिरफ़्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उन पर 12 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.

चंद्रशेखर की गिरफ्तारी से पहले 21 मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया था, जिसमें चंद्रशेखर भी पहुंचे थे लेकिन उस समय उनकी गिरफ़्तारी नहीं हो पाई थी. बाद में उन्होंने एक वीडियो जारी कर पुलिस को चेतावनी दी थी कि उनके परिवार को परेशान करना बंद करे.

प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उनके बेटे को झूठे मुक़दमे में फंसाया जा रहा है. उनका कहना था कि उनके बेटे का हिंसा फ़ैलाने या उकसाने में किसी भी तरह का हाथ नहीं है.