प्राचार्य राजकुमार एवं शिक्षक रेखा सस्पेंड, DPI से आदेश जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त श्री अभय वर्मा ने शासकीय हाई स्कूल निपानिया जाट के प्राचार्य श्री राजकुमार सक्सेना और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छोला भोपाल की उच्च माध्यमिक शिक्षक श्रीमती रेखा गोयल को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्यवाही जिला शिक्षा अधिकारी की एक रिपोर्ट के आधार पर की गई।

निलंबन आदेश में बताया गया है कि, माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित कक्षा 10 हाई स्कूल एवं कक्षा 12 हाई सेकेंडरी स्कूल परीक्षा में विद्यासागर हाई सेकेंडरी प्राइवेट स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भोपाल के पत्र कमांक 2420, दिनांक 20.03.2023 द्वारा अवगत कराया गया है कि श्री राजकुमार सक्सेना प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल निपानिया जाट जिला भोपाल को केन्द्राध्यक्ष एवं श्रीमती रेखा गोयल, उच्च माध्यमिक शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छोला, भोपाल को सहायक केन्द्राध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 

दिनांक 18.03.2023 को (प्राइवेट) विद्या सागर हायर सेकेंडरी स्कूल विदिशा रोड, भानपुर मे कक्षा 12 वीं के परीक्षा केन्द्र पर सुबह 9:00 बजे से 12:00 बजे के मध्य रसायन शास्त्र, इतिहास तथा व्यवसाय अध्ययन विषय की परीक्षा सम्पन्न होना थी। परीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व ही श्री राजकुमार सक्सेना केन्द्राध्यक्ष एवं श्रीमती रेखा गोयल, सहायक केन्द्राध्यक्ष की लापरवाही के कारण स्कूल कर्मचारी श्री विश्वनाथ सिंह तथा पवन सिंह पर्यवेक्षक द्वारा अपने मोबाइल फोन से फोटो खींचकर परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र छात्राओं को उनके मोबाइल पर प्रसारित कर दी गई, जबकि नियमानुसार मोबाइल फोन परीक्षा के दौरान केन्द्राध्यक्ष के पास जमा किये जाने के निर्देश है, जिसका पालन नहीं किया गया। 

परीक्षा केन्द्र पर घटित घटना की प्राथमिकी पुलिस थाना छोला मंदिर में दर्ज कराई गई है। थाना प्रभारी द्वारा प्रकरण में अपराध धारा 120बी, 420 भादवि एवं 3/4 मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1984 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। श्री राजकुमार सक्सेना केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्ष श्रीमती गोयल द्वारा बरती गई उदासीनता एवं लापरवाही के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा जैसे अतिमहत्वपूर्ण कार्य के लिये दोनों अधिकारियों द्वारा परीक्षा में गोपनीयता एवं विश्वसनीयता को बनाये रखने में घोर लापरवाही की गई है।