मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में Praveen Kakkar साबित हुए एक कुशल और सफल चुनावी रणनीतिकार

भोपाल। विधानसभा चुनाव 2018 में यूँ तो सभी राजनीतिक दलों ने एक से बढ़कर एक चक्रव्यूह की रचना की, तरह-तरह की रणनीति बनाई, तरह-तरह के पैंतरे आज़माये परन्तु जीत लगी कांग्रेस के हाथ जिसके रणनीतिकार और वार रूम प्रभारी प्रवीण कक्कड थे।

कांग्रेस ने पहली बार मीडिया, सोशल मीडिया, डाटा और लीगल का एक संयुक्त वाररूम बनाया जिसमें तमाम चुनावी रणनीति, योजना और फिर उन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का दायित्व पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड ने निभाया।

प्रवीण कक्कड पुलिस के पूर्व अधिकारी होने के कारण सरकारी दाँव-पेंच और राजनीतिक पैंतरेबाज़ी से भलीभाँति परिचित थे जिसका कांग्रेस को पूरा लाभ मिला और कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो सकी।

देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव 2018 के जादूगर प्रवीण कक्कड लोकसभा चुनाव 2019 के लिये क्या नई रणनीति बनाते हैं, और मप्र की 29 सीटों में से कांग्रेस को कितनी सीटें दिलाने में कामयाब हो पाते है। बात चाहे जो कुछ भी हो पर कांग्रेस के 15 वर्षों के वनवास को ख़त्म करने में इस पूर्व पुलिस अधिकारी के योगदान को भुलाया नही जा सकता।