पीएम केयर्स में सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों की सैलरी से 205 करोड़ और पेंशनर्स की पेंशन तक कटी

38 सार्वजनिक उपक्रमों ने अपने सीएसआर फंड से दी थी 2 हजार करोड़ से ज्यादा रकम।

नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड को लेकर अब एक और नया खुलासा हुआ है। दरअसरल, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से लेकर तमाम सरकारी बैंकों, एलआईसी, जीआईसी जैसी सरकारी बीमा कंपनियों और नाबार्ड जैसे संस्थानों के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी से कुल 205 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में जमा किए हैं। इसके अलावा एलआईसी और नेशनल हाउजिंग बैंक ने अगल से अपने सीएसआर फंड से 144.5 करोड़ रुपये दिए हैं।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने यह खुलासा इन सरकारी बैंकों और कंपनियों से आरटीआई के तहत मिले जवाब के आधार पर किया है। अखबार ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी आरटीआई डाली थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह कहते हुए कोई ब्योरा नहीं दिया कि पीएम केयर्स कोई सार्वजनिक फंड नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय ही इस फंड को मैनेज कर रहा है। 

एलआईसी ने अलग-अलग श्रेणियों में पीएम केयर्स फंड को कुल 113.63 करोड़ रुपये दिए। एलआईसी ने 8.64 करोड़ रुपये कर्मचारियों की तनख्वाह से, 100 करोड़ कॉरपोरेट कम्युनिकेशन से और 5 करोड़ रुपये गोल्डन जुबली फांउडेशन से दिए। एसबीआई ने लगभग 108 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में दिए। बैंक ने बताया कि यह पैसे कर्मचारियों की तनख्वाह से ही इकट्ठे किए गए। इसी तरह आरबीआई ने लगभग साढ़े सात करोड़ रुपये कर्मचारियों की सैलरी से दिए। 

केनरा बैंक ने पीएम केयर्स फंड में 15.53 करोड़ रुपये दिए। हालांकि, बैंक ने यह जानकारी नहीं दी कि ये किस मद से दिए गए। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक दिन की विशेष छुट्टी वाले मद से 14.81 करोड़ रुपये दिए। इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने कर्मचारियों की दो छुट्टियां काटकर लगभग 12 करोड़ रुपये पीएम केयर्स में दिए। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने पांच करोड़ रुपये दिए। स्माल इंडंस्ट्रीज बैंक ने कर्मचारियों की सैलरी से 80 लाख रुपये का दान दिया। नबार्ड ने कर्मचारियों की सैलरी के साथ-साथ रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन से 9.04 करोड़ रुपये काट लिए। इन बैंकों ने दूसरे मदों से भी पीएम केय र्स फंड में पैसे दिए। 

इससे पहले पता चला था कि कुल 38 सार्वजनिक उपक्रमों ने मिलकर पीएम केयर्स फंड में 2,105 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। यह योगदान उन्होंने अपने सीएसआर फंड से दिया। कई उपक्रमों ने बजट ना होने पर भी पैसे दे दिए। सीएसआर फंड के तहत स्थानीय लोगों के लिए विकास के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। संसद में भी यह मुद्दा उठ चुका है। 

कोरोना वायरस से लड़ने की बात कहते हुए पीएम केयर्स फंड को इस साल 28 मार्च को स्थापित किया गया था। 31 मार्च तक इसमें 3,076.62 करोड़ रुपये थे, जिसमें से 3075.85 करोड़ स्वैच्छिक दान के रूप में दर्ज थे। यह जानकारी पीएम केयर्स फंड की वेबसाइट से प्राप्त हुई थी।